
क्या आपको एम्पलीगो के छीनने का फायदा हुआ?
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आज के दौर में जहां बाजार में अंधाधुंध चरम पर है, ढेर सारे बेखुदा उत्पाद बेचे जा रहे हैं। किटनाशक उत्पादों में भी यह तेजी से चल रहा है।
- पकना किटनाशक : नामचीन उत्पादन की पकना कोपी
- बरकरार कीटनाशक : सक्रिय तत्व बिना बनाए गए उत्पाद
- मिलावटी कीटनाशक : उनमें से कई हिट, प्रतिबंधित हुए, चोर बाजार से पहुंचे तत्वों से बने उत्पाद
- अंतिम तारीख पार कर चुके किटनाशक : तारीख में बदलाव कर देखें वाले पुराने उत्पाद
इनके उपयोग से कटौती की लागत बनी रहती है, लेकिन किटनाशक का प्रभाव ना मिलने से, राशि घटती है। इसका सबसे अच्छा हल है किसानों की आधुनिक औषधियों की जानकारी के दस्तावेज और पक्की रसीद के बिना कोई सूचना नहीं।
अपने लेखों के माध्यम से कृषि को रीसेट करें आपको विविध औषधियों की जानकारी दे रही है। लेकिन इसमें आपको भी बताना होगा. आप टिप्पणी में उत्पादन के बारे में क्या अनुभव कर रहे हैं, लिख सकते हैं। अगर आप कमेंट में सेल नंबर की जानकारी शामिल करेंगे तो और भी अच्छा होगा!
इस लेख में सिंजेंटा कंपनी के एम्प्लिगो की जानकारी होगी। इसका इस्तेमाल कब, कितना और कैसे करना है ये जानेंगे।
एम्पलीगो...
- कीट के अंडे, इल्ली और प्रौढ इन तिकड़ी खत्म कर देता है
- झीओन तंत्र पर आधारित होने से लंबे समय तक असर दिखाता है
- इसमें क्लोराट्रानलीप्रोल और लेमडा सीहेलोंथ्रिन सक्रिय तत्व हैं
- क्लोराट्रानलीप्रोल एक आधुनिक, प्रणालीगत किटनाशक है जो पर्यावरण और छतरियों के लिए घातक नहीं माना जाता है
- लेमडा सीहेलोंथ्रिन यह सेवंती से पाए जाने वाले पर मानव निर्मित किट निवारक है। यह छोटी-सी दिखने वाली दिखने वाली और मध्यम आकार की दिखने के लिए घातक होती है।
- अरहर (तुर), कपिस, बेंगन, भिंडी, धान, सोयबीन जैसे व्यावसायिक मिश्रण में इसकी सरल कियी जाती है।
- फल छेदक, तना छेदक, तैला (थ्रिप), पत्ता मोडक, फुदके, मेखला भृंग, तना ड्रेक जैसे कीटो के नियंत्रण के लिए मार्जिन लिया जाता है।
- डॉस 0.5 मिली प्रति लीटर है। तो 10 लीटर के पंपों में 7.5 मिले लीटर स्प्रेयर में 100 मिले।
- इसके दाम 10 रु प्रति के आसपास मिले हैं।
- 25 ,80,200, 500 मिली और 1 कूड़े के पैकेट अमेज़न पर उपलब्ध है। ऑफर्स के लिए यह क्लिक करें ।
एम्प्लीगो एक खतरनाक किटनाशक है जिससे कोई आशंका नहीं है। हजारों-लाखों किसानों ने इसे आजया है। लेकिन केवल एम्पलीगो के भरोसे किट को नियंत्रित करना मूर्खता होगी। हमें हर फसल मे वक्र की संख्या को नियंत्रण में रखना चाहिए।
हर फसल मे शुरुआत को नुकसान की संख्या बहत कम होती है। इस देर अगर स्टीकी पैड और फेरोमोन ट्रैप के मदत से जामों को प्रतिबंधित किया गया तो इनकी संख्या में वृद्धि नहीं हो सकती।
अगर हम प्रजातियों का जुड़ाव मे प्रबंधन नहीं करते हैं तो प्रजातियों की संख्या गति से बढ़ने लगती है। ऐसे समय एम्पलीगो प्रभावी किट निवारकों के रूप में उपयोग करें।
कई बार कटौती मे कीटक तेज गति से बढ़ती हुई परिणाम पर बुरा प्रभाव पड़ता है। मुख्य किट के साथ दूसरे कीटक, कवक, व्यारस और जीवाणु भी परिणाम पर अपना कब्जा बना लेते हैं। ऐसेमे हम एम्प्लीगो के साथ कवक नाशक, जीवाणु नाशक का भी प्रयोग करना चाहते हैं। दुर्घटना पर हुआ बुरा प्रभाव दूर होते हुए सिनैटिक्स की अतिरिक्त मात्रा भी घटती है। ऐसे में आमदनी अठन्नी और खर्चा के रूप में हो जाती है।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप अरहर (तुर), कपिस, बेंगन, भिंडी, धान, सोयबीन जैसे नाराज मे वात से ही स्टीकी ट्रैप और परिणामी निहाय फेरोमोंन ट्रैप का उपयोग करें।
किसान भाइयों, क्या आपने एम्प्लीगो का उपयोग किया है? कोनसे नतीजा मे किया और उसका क्या नतीजा रहा? कमेन्ट सेक्शन मे अनिवार्य रूप से लिखा गया है। आपको यह लेख पसंद आया हो तो शायर जरूर करें।