
पावडरी मिल्ड्यू का सस्ता और प्रभावी नियंत्रण कैसे करे?
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रिसेट एग्री के विशेष लेख में आपका स्वागत है. भारतीय किसानों के लिए बेहतर मुनाफा, खुशहाल जिन्दगी, यह हमारा नारा है. इसीलिए लेखो की रचना, कृषि की लागत कम करते हुए मुनाफा बढ़ाने के हिसाब से कियी जाती है. आपको हमारा यह प्रयास पसंद आएगा ऐसी आशा करते है. इस वेबसाइट के मेनू में जाकर आप हमारे अन्य ब्लॉग पढ़ सकते है!
पत्तीयों पर भूरे रंग की परत बनाने वाले पावडरी मिल्ड्यू फफूंद को कोन नही जानता. पहले इसके सफेद छीटे दिखाई देते है जो फैलकर एक दुसरे में मिल जाते है. इस बिमारी के कारण पौधे के बढवार कम होती है, फुल और फल कम लगते है और अच्छे से बन भी नही पाते. बिमारी आगे बढ़कर पौधे को खत्म कर सकती है. यह रोग हवा से फैलता है. ठंडे और सूखे जलवायु में इसे फैलने में मदत करता है. यह किसी एक अकेले फफूंद से होने वाला रोग नही है. इसकी ८०० से अधिक प्रजातीया है जो १०,००० से अधिक पौध प्रजातियों में बिमारी फैलाती है. यह फफूंद पौधों पर बीते लाखो वर्षो से असर कर रही है, इसीलिए हम इसे किसी एक अकेली दवा से नियंत्रित नही कर सकते. हमे एक साथ अनेक सावधानिया रखनी होगी तभी उपज बच पाएगी.
अनेक किसान देखभाल में कमी रखते हुए सिर्फ महंगे दवाओंपर निर्भर रहेने की सोचते है. फिर या तो फसल हात से जाती है या तो दवाई पर खर्चा होता है. परिणाम स्वरूप मुनाफा होने के बजाय नुकसान ही नुकसान होता है.
अंगूर, मिर्च, बेंगन, टमाटर, भिन्डी, तरबूज, खरबूज, करेला, तुरई जैसे फसलों में यह फफूंद असर करती है. इन फसलों में फुल और फल आने तक बेशुरमार खर्चे होते है और अगर भूरी फैली तो बेहद नुकसान होता है.
बचने के लिए एक से अधिक प्रजातियों के बिज इस्तेमाल करे. मिट्टी में पुराने फसलों के अवशेष ना रहने दे. साफ़ सफाई करे. जो भी कम्पोस्ट इस्तेमाल करे, इसमें ट्रायकोडर्मा अवश्य मिलाए. बेसल डोस में पोटाश, केल्शियम, बोरेक्स और सिलिकेट युक्त उर्वरक अवश्य मिलाए. अगर जलवायु सुखी है तो नमी बनाने के लिए पानी की बौछार करे.
पौधों के सेहत पर नजर बनाए रखे. भूरी के धब्बे नजर आते ही, अँपेलोमायसेस क्विस्क्वालिस इस जैविक दवा का ५ मिली प्रति लिटर के औसत से छिडकाव करे.
अगर फिरभी भूरी के फैलाव में कमी ना हो तो आपको दो सक्रिय तत्वों वाले फफूंदनाशियों का इस्तेमाल करना होगा. इसके लिए आप रिसेट एग्री के वेबसाइट के सर्च इंजिन में powdery mildew comobifungicide इन शब्दों के साथ सर्च करेंगे तो आपको उपयुक्त दवाए दिखाई देगी. इसमें कस्टोडिया, कल्च, केब्रियोटॉप, इम्पेक्ट एक्ट्रा, शमीर, विश्मा जैसी दवाओं का समावेश है. आम हो चुके दवाओं का इस्तेमाल ना करे.