Calcium for Optimal Flowering & Fruiting: Application & Deficiency Solutions

फसलों में कैल्शियम का महत्व: वृद्धि, फूल और फल में भूमिका

फसलों में कैल्शियम: महत्व, कमी और समाधान

कैल्शियम का महत्व

कैल्शियम पौधों के लिए एक आवश्यक द्वितीयक पोषक तत्व है, जो उनकी वृद्धि, विकास और प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पौधों की कोशिका भित्ति का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो उन्हें संरचनात्मक सहायता प्रदान करता है और उन्हें मजबूत बनाता है। कैल्शियम अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में भी मदद करता है, जिससे पौधे स्वस्थ और उत्पादक बनते हैं।

  • कोशिका संरचना: कैल्शियम पेक्टेट के रूप में कोशिका भित्ति में पाया जाता है, जो कोशिकाओं को एक साथ बांधे रखता है और पौधों को मजबूती प्रदान करता है।
  • कोशिका झिल्ली कार्य: कैल्शियम कोशिका झिल्ली की पारगम्यता और स्थिरता को नियंत्रित करता है, पोषक तत्वों के अवशोषण और परिवहन को प्रभावित करता है।
  • पोलनं ट्यूब (पराग नली) की वृद्धि: पर्याप्त कैल्शियम पराग नली के बढ़ाव के लिए आवश्यक है, सफल निषेचन (फलन) और फल लगने को सुनिश्चित करता है।
  • एंजाइम गतिविधि: कैल्शियम पौधों के विकास और विकास में शामिल विभिन्न एंजाइमों के लिए एक सहकारक (को फैक्टर) के रूप में कार्य करता है।
  • पोषक तत्व अवशोषण: कैल्शियम नाइट्रोजन, पोटेशियम और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है, जिससे पौधे उनका कुशलतापूर्वक उपयोग कर पाते हैं।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: कैल्शियम पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वे बीमारियों और कीटों से लड़ने में सक्षम होते हैं।
  • फल की गुणवत्ता: कैल्शियम फलों की गुणवत्ता में सुधार करता है, उन्हें मजबूत, स्वादिष्ट और लंबे समय तक ताजा रखता है।

 कैल्शियम की कमी के लक्षण

कैल्शियम की कमी पौधों में कई तरह के लक्षण पैदा कर सकती है, जो उनकी वृद्धि और उपज को प्रभावित करते हैं।

  • नई पत्तियों का विकृत होना और किनारों का जलना: कैल्शियम की कमी से नई पत्तियां विकृत हो जाती हैं और उनके किनारों पर जलन के निशान दिखाई देते हैं।
  • खराब फल लगना (Poor Fruit Set): अपर्याप्त कैल्शियम के कारण पराग नलिका का विकास और निषेचन खराब हो सकता है, जिससे फल लगने की मात्रा कम हो जाती है।
  • नरम फल (Soft Fruit): फल नरम हो सकते हैं, जिनमें चोट लगने की संभावना होती है, और जिनकी शेल्फ लाइफ कम हो जाती है।
  • फलों का सड़ना, विशेष रूप से टमाटर और मिर्च में: टमाटर और मिर्च जैसे फलों में कैल्शियम की कमी से सड़न (ब्लॉसम एंड रॉट) हो सकती है, जिससे वे खाने योग्य नहीं रहते।
  •  बिटर पीट (Bitter Pit/कड़वा गड्ढा): सेब में बितर पीट विकसित हो सकता है, जिसमें फल की सतह और गूदे पर छोटे, भूरे धब्बे दिखाई देते हैं।
  • जड़ों का कमजोर विकास: कैल्शियम की कमी से जड़ों का विकास कमजोर हो जाता है, जिससे पौधे मिट्टी से पोषक तत्वों और पानी को कुशलतापूर्वक अवशोषित नहीं कर पाते हैं।
  • पौधों की वृद्धि का रुक जाना: कैल्शियम की कमी से पौधों की वृद्धि रुक जाती है, जिससे उनकी उपज कम हो जाती है।

कैल्शियम कीकमी के परिणाम

कैल्शियम की कमी से फसलों की उपज और गुणवत्ता में गंभीर गिरावट आ सकती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।

  • फसल की उपज में कमी: कैल्शियम की कमी से पौधों की वृद्धि और विकास धीमा हो जाता है, जिससे फसल की उपज कम हो जाती है।
  • फलों और सब्जियों की गुणवत्ता में गिरावट: कैल्शियम की कमी से फलों और सब्जियों की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिससे वे खाने योग्य नहीं रहते या उनकी बाजार में कीमत कम हो जाती है।
  • पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी: कैल्शियम की कमी से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे वे बीमारियों और कीटों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

कैल्शियम की कमी का समाधान

कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए कई तरीके हैं, जिनमें मिट्टी परीक्षण, पर्ण छिड़काव और मिट्टी में सुधार शामिल हैं।

  • मिट्टी परीक्षण: मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में कैल्शियम की मात्रा का पता चलता है, जिससे किसानों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि उन्हें कितना कैल्शियम उर्वरक उपयोग करना चाहिए।
  • पर्ण छिड़काव: यारावीटा स्टॉपिट और पाटील बायोटेक के कैलनेट लिक्विड जैसे कैल्शियम उर्वरकों का पर्ण छिड़काव कैल्शियम की कमी को तेजी से दूर कर सकता है।
  • मिट्टी में सुधार: जिप्सम या चूने का प्रयोग करके मिट्टी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।

यारावीटा स्टॉपिट और पाटील बायोटेक कैलनेट लिक्विड के फायदे

  • यारावीटा स्टॉपिट:
    • यह एक उच्च गुणवत्ता वाला कैल्शियम उर्वरक है, जो पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है।
    • यह फलों और सब्जियों में कैल्शियम की कमी को तेजी से दूर करता है और उनकी गुणवत्ता में सुधार करता है।
    • यह फलों की भंडारण क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वे लंबे समय तक ताजा रहते हैं।
    • खुराक: 2-5 मिली/लीटर पानी
  • पाटील बायोटेक कैलनेट लिक्विड:
    • यह एक तरल कैल्शियम उर्वरक है, जो पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है।
    • यह पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देता है और उन्हें स्वस्थ बनाता है।
    • यह फलों और सब्जियों की गुणवत्ता में सुधार करता है और उनकी उपज बढ़ाता है।
    • खुराक: 2-3 मिली/लीटर पानी

 

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याराविटा स्टॉपिट और  कॅलनेट लिक्विड तथा इसके जैसे अन्य उत्पादनों पर बढ़िया ऑफर्स उपलब्ध है। ऑनलाइन ऑर्डर करते हुए ऑफ छूट के अलावा  ई एम आय, केश बेक, केश ऑन डिलीवरी व फ्री होम डिलीवरी जैसी सुविधाओं का  लाभ उठाया सकते है। हमारा कलेक्शन देखे और ऑर्डर करे। 

 

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अतिरिक्त सुझाव:

  • कैल्शियम उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करें, ताकि मिट्टी में कैल्शियम की सही मात्रा बनी रहे।
  • पर्ण छिड़काव सुबह या शाम के समय करें, जब तापमान कम हो और पत्तियां गीली हों, ताकि उर्वरक अच्छी तरह से अवशोषित हो सके।
  • उर्वरकों का प्रयोग करते समय निर्माता के निर्देशों का पालन करें, ताकि पौधों को कोई नुकसान न हो।
  • कैल्शियम उर्वरकों का सही मात्रा में प्रयोग करें, क्योंकि अधिक मात्रा में प्रयोग करने से पौधों को नुकसान हो सकता है।

यह विस्तृत जानकारी किसानों को कैल्शियम की कमी को पहचानने और उसे दूर करने में मदद करेगी, जिससे उनकी फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होगा और उन्हें अधिक लाभ मिलेगा।

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