mycozone patil biotech

मकोरायज़ा के मदत से उपजी को कैसे बढ़ाया जाए?

करीब 2 लाख साल पहले इंसानी नस्ल की शुरुआत हुई।
12 हजार वर्ष पूर्व,उसने बीज बोना शुरू किया।
10 हजार वर्ष पूर्व, टैटू की शुरुआत हुई।
8 हजार पूर्व वर्ष, फिली बार सिचाई शुरू हुई।
5 हजार पूर्व वर्ष, जुताई शुरू हुई।
3 हजार पूर्व वर्ष, अनवरत मेन्यूअर का उपयोग शुरू हुआ।
2 हजार पूर्व वर्ष, सीझन अनुसार फसल मे बदलाव शुरू हुआ।
300 वर्ष पूर्व, शस्त्रागार के लिए औज़ारों का प्रयोग प्रारम्भ हुआ
150 वर्ष पूर्व वर्ष ईजाद हुए।
60-70 वर्ष पूर्व अत्याधिक उपजी दीवालिया और संराओं की खोज की गई।
इसी दरमियान, इन सॉसेज और संराओं के पोषण के लिए रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल शुरू हुआ।
30 वर्ष पूर्व कृषि यंत्रों का प्रयोग प्रारंभ हुआ तो 10,000 वर्षों में पशु पालन बंद हो गया।
इसकी यूनिटी मेन्यूअर का उपयोग हुआ।
मिट्टी में अणुओं का प्रतिशत घटने लगा।
अन्योलोनियन पर चढ़ने वाले घोड़ों की संख्या कम होने लगी।
लेकिन फ़ासल के जनक को इन फ़ास्टलो की ज़रूरत होती है!
पुरावशेषों को मिट्टी में अटके पोषक तत्व उपलब्ध हैं,
नैत्र, स्पुरद, पलाश, झिनक, भोजन के लिए पोषण के लिए तृष्णा पर बनाए गए आटे का महत्वपूर्ण टुकड़ा है, जिससे हमारे जीवन में मां का जन्म होता है।
वो योद्धाओं की तरह, रोगजन्य जीवाणुओं की रक्षा करते हैं।
माँ जैसे अपने बच्चे को जन्म देती है घुट्टी पिलाती है, जीवाणुरोधी प्रयोगशाला को जरूरी व्हिटमीन्स देती है।
इसका मतलब साक्षात् है, मिट्टी में कण्ट्रोल से अलग मेन्यूअर मिलाने होंगे।
किसान मित्र की मुश्किल यह है कि मिट्टी में मिलाने के लिए अलायनल से अलायनल मेन्यूअर मिलाने कहासे?
कृषि के परिवेश में वे पशुपालन नहीं कर सकते।
बाजार में मिलने वाले से अलग-अलग लागत के हिसाब से, बेहिसाब कीमत है।
मिट्टी का परमाणु कार्बन स्तर तक लगभग नामुमकिन हो गया है।
एक तरफ कुआँ, एक तरफ कुआँ!
इस समस्या से बचने का एक ही रास्ता है.. मकोरायज़ा!
मकोरायझा एक सूक्ष्म सूक्ष्म जीव है। यह अवशेष के अवशेष से एकरूप होते हुए मिट्टी में अपना रेशम दूर तक फैला हुआ है।
मैकोरायज़ा के साथ चूहों की क्षमता हजारों गुना अधिक है।
भूकंप को उपलब्ध होने वाले पानी और पोषक तत्व की मात्रा कई गुना बहुतायत है।
यह पाटिल बायोटेक प्रोड्यूस मैकोरायझा पर आधारित प्रोडक्शन मैकोज़ोन की लिंक दे रही है।
इसमें 100 ग्राम का टुकड़ा 200 लीटर पानी में एक किलो गुड के साथ मिलाए
नासा को 24 से 48 घंटे तक मिलाए और 1 नासिक क्षेत्र में टपक सिचाई से दे
ध्यान रहे इस पर फल के उग आने के 10 से 15 दिन बाद दे।
ऐसा करने से मकोरायझा स्टूडियो पे जम जाएगा। और तुरंत ही अपना काम शुरू कर देवी।
आने वाले 10 -12 दिन में इसके रेशमे पौधे से निकल कर गहरी मिट्टी में पहुंचेंगे और
वन्यजीवों के पोषण और पानी लाना शुरू कर दिया जाएगा
फसल का अच्छा पोषण होने से उसका तेजी से विकास होगा
इस लेख के बारे में मेरे प्रश्न हो तो मुझे लिख कर टिप्पणी करें।
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