कही सोयबीन मोझेक व्हायरस आपकी जेब खाली ना कर दे!

कही सोयबीन मोजेक वायारस आपकी जेब खाली ना कर दे!

साल-दर-साल सोयाबीन का क्षेत्र बढ़ रहा है। ऐसेमे जुलाई और अगस्त में सफ़लता पर मोज़ेक वायरस का असर दिखाई देता है। हरे धब्बेदार और विकृत होते हैं। फसल के कुछ व्रायटी में चार्ट पर पीले धब्बे दिखाई देते हैं। नए पत्ते पर अधिक प्रभाव पड़ता है। इन सटीक पर पूर्ण कम लगेगी और उपस्थिति भी कम रहेगी। वायरास की कुछ प्रजातीय ज्यादा झूठी कहानियां नहीं हैं, प्रभाव भी कम हैं, लेकिन अन्य वस्तुओं के प्रक्षेपण से उपज में 40 से 60 प्रतिशत गिरावट की सम्भावना होती है।

सोयाबीन का एक व्यावसायिक परिणाम है। इसका बांध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होता है। ग्लोबल पॉलिटिक्स और भारत की व्यापक अर्थव्यवस्था के चलते हमारी सरकार इसमें कोई विशेष प्रभाव नहीं डाल सकती है। इसी कारण से हमारी, भविष्यवाणी दुनिया के औसत प्रदर्शन से अधिक होने पर हम दूसरे के करीब हो सकते हैं। सोयाबीन में मोझेक व्हाइरस से अगर आकर्षण कम होगा तो ठहरने के दौरान नुकसान होने की संभावना ज्यादा है।

विभिन्न पौधों में पादप विषाणु का प्राथमिक प्रसार रोगग्रस्त पौधों से प्राप्त बीजों के माध्यम से होता है। एक बार जब पौधा इस रोगग्रस्त बीज से बढ़ जाता है, तो वायरस इस पौधे से सफेद मक्खी, एफिड, थ्रिप्स और जैसिड जैसे वैक्टर के माध्यम से अन्य स्वस्थ पौधों में फैल जाता है।

मोजेक वायरस का मुख्य श्रोत, बीमार पौधपे लगे फल्लीयों से प्राप्त बिज होता है। ऐसे विचित्र में समान्य है लेकिन उगने पर इसमें मोझेक व्हाइरस सफेद धारा होती है, माहू जैसे कीटो के माध्यम से चारों ओर के स्वास्थ्यमंदिर पर होते हैं।

हर लहलहाती फसल का रसभरी सफेद चढ़ और माहू जैसे की टॉपर नजर और नियंत्रण रखते हुए स्टिकी पैड का इस्तेमाल करना सबसे पागल और असरदार तरीका है।

इस तरीके से कटौती को बचाने के लिए दांव के तीसरे हप्ते से नियमित रूप से परिणाम में पोलीथिन लेकर घूमे। प्रभावित संयंत्र जामकर पोलीथिन सागर में कर ले. सागर को जला दे या खेतों से दूर जमीन में दबा दे। क्षेत्र में बढ़ने को पहुंचें दे। अगर पत्रापर या फसल में लगे चिपचिपा ट्रैप पर सफेद चक या माहू जैसे रस्ते वाले किट दिखाई दे रहे हैं तो स्टिकी पैड की संख्या पाच या छह दावे करें और बेल्ट जानकार , मोवेंटो एनर्जी, सुमिप्रैम्प्ट , वोलिअम फ्लेक्सी , कैइट , लेंसरगोल्ड , मन मेसे किसी एक दवा का लेबल क्लेम नुसार छिडकाव करे।

फसलों को सफेद मक्खी और एफिड जैसे रस चूसने वाले कीटों से बचाना चाहिए। प्रसार को रोकने के लिए हम चिपचिपे पैड, प्रकाश जाल और निवारक एज़ाडायरेक्टिन स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। यदि फसल में कीट पहले से स्थापित हैं तो सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ रासायनिक कीटनाशक का छिड़काव करें। पानी में घुलनशील एनपीके को कैल्शियम नाइट्रेट और सल्फर डब्ल्यूडीजी से भिगोने से फसल के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

इस छिदकाव को सफलता के साथ साथ आस पास के पक्का पर बेशक डबलडोस छिडकाव करना है। परिणामी में किए जाने वाले छिडकाव में माइक्रो न्यूट्रिएंट मिक्स्चर कोम्बी 1 ग्राम प्रति लिटर का अंतर्भाव किया जा सकता है। इससे ज्यादा शेयर के उपयोग से बचते क्योंकी छिडकाव में ज्यादा घटक चापडकनेसे परिणाम के पत्ते अपने स्टोमेटा (पत्तीयों पर बने सूक्ष्म छिद्र) बंद कर लेते हैं और छिडकाव का प्रभाव कम हो जाता है।

आप अपनी सफलता पर जो छिदकाव करते हैं उसका असर होने के लिए आपको टैंक मिक्स को कंकड़ रखना होगा। दो से अधिक घटकों का उपयोग करने से बचें। डोस लेबल क्लेम नुसार करे, ना कम ना ज्यादा!

अगर नतीजा या चिपचिपा जाल पर रसचूसनेवाले कीड़े नजर नहीं आ रहे हैं तो एतियातन आप निम् से बने अजेडीरैक्टिन पर आधारित दवा का छिदकाव करें।

वायरस के कारण कमी आहत होती है। इसे अधिक अनुपात में घटाव को अतिरिक्त सन्दर्भ की खुराक दी जाती है। एक एकड़ के लिए 150 लीटर पानी 19-19-19 3 किलो, डब्ल्यूडी जी सल्फर 1 किलो , केल्शियम नायट्रेट 1 किलो मिलाए। इस समाधान को आप अनुबंध से या अनुबंध के रूट जोन में लगा सकते हैं।

किसान भाइयों, आपके दायित्व के रखरखाव के बारे में लिया गया हर निर्णय, एक वित्तीय निर्णय होता है। इसका प्रभाव आपकी लागत और अनुमान पर पड़ता है। इसी के लिए सिलिकेट डॉट इन आपको वित्तीय मुद्दों पर जगाता है। हमारा आपका यह प्रयास है अगर पसंद आ रहा है तो हमारे लेख, वीडियो और पॉडकास्ट अपने दोस्तों और परिवार के साथ बेशक शेयर करें। धन्यवाद!

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