
धान सोएगी तो मुनाफा हो जाएगा फूर्र! धान को कैसे रखे सीधा?
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तेज बारिश, हवा से धान के पौधों की गिरने की आशंका बनी रहेती है. पौधों का कद जितना अधिक होगा उतना ही धोका अधिक होता है. पौधे गिरते है, सड़ते है. उपज कम हो जाती है.
पौधे ठीक से खड़े रहे तो फसल में हवा खिलती है. फसल का पोषण अच्छा होता है. उपज अच्छी रहती है.
फसल की कद कम रखने के दो उपाय है.
पहेला उपाय
रोपाई के ३० से ३५ दिन में धान के एक तिहाई पत्ते काटे. ध्यान रहे ३५ दिन के बाद पत्ते काटने से उपज कम होगी. एक तिहाई से अधिक, आधे तक, पत्ते काटने पर भी उपज में कमी आती है. इसमें मजदूरी, मेहनत अधिक होने से खर्चा बढ़ेगा.
दूसरा उपाय
पेक्लोब्यूट्राझोल युक्त दवाए जैसे कल्टार (सिंजेंटा), का उपयोग, १०० मिली प्रति एकड़ रेत मिलाकर फैलाए. यह रसायन फसल में जिबरलिक के निर्माण को रोखता है. इसके उपयोगसे तनेकी वृद्धि रूकती है. गाठों के बिच का अंतर कम रहेता है. गाठे और तना मोटा होता है. तनकी सतह भी मोटी होती है. पत्तियों में अधिक मात्रा में प्रकाशसंशलेष्ण होने लगता है. पत्ते झड़ना बंद हो जाते है. जड़े मजबूत बनती है. सूखे का सामना करने की क्षमता बधित है. फफूंद जनित रोगों का फैलाव रुकता है.
कल्टार के बजाए आप ताबोली (सुमिटोमो) का भी इस्तेमाल कर सकते है. इसमें पेक्लोब्यूट्राझोल की मात्रा अधिक होने से डोस को आधा करे.
किसान भाइयों आपको यह जानकारी कैसे लगी? कमेन्ट में लिखे. लेख अवश्य शेअर करे. धन्यवाद!