
धातुओंकी खेती
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किसान भाईयो, करोडो कि फसल उगानेवाले किसानभाईयोंकि यशोगाथाए आपने सुनीही होगी. लेकीन आज जिस खेती कि बात हम आपको बता रहे है, वो है धातुओं की खेती!
इजिप्त के राजाओने ३००० वर्ष राज किया. यह इतिहास का सबसे लम्बा राजपट था. क्या ये राजा शूरवीर थे? कुछ हद तक होगे भी. लेकिन इतना लंबा राजपाट चलने का प्रमुख कारण था "धातुओ का खनन". इनके कार्यकाल के दौरान ब्रान्झ, चांदी और सोने की खोज कियी गयी और उनका उपयोग सिक्को में किया गया. इन धातुओ के आभूषण भी बनते थे. धातुओंका बड़ी मात्रा में खनन करने के लिए, यहा के राजा आस पास के राज्यों पर आक्रमण कर वहा के प्रजा को
गुलाम बनाते थे. इनके राज्यों में छोटे मोटे गुनहगारोंको भी जेल में डालकर गुलाम बनाया ज्याता था. किसीकी मजाल की वो थोडा सा भी घुस्सा करे! उसे अपराधी घोषित कर जेल के माध्यम से गुलामी तक लाया जाता था. इन सारे गुलामों को क्रूर ठेकेदारों को सौपा जाता था. यह ठेकेदार "गुलामों" से दिन रात खुदायी करवाते थे. खदानोंमें काम करो, वही खाओ, सोओ और जगतेही काम को जुट जाओ. कोई बीमार हुआ तो भी छुट्टी नही. कोई मर गया तो, मुडदों को खदानोंमेंही गाड दो! खुदाई से निकला सोना सिक्कों के रूप में चलन में लाया जाता था. इजिप्त के राजा इतने आमिर थे के उनके सामने कोई दूसरा खड़ा ना हो पाता. इस राजपाट के खत्म होने का कारण फिर कभी बताएंगे.
इस कहानी से हमे पता चलता है के “खनन से मिलने वाले धातुओं ने इंसानोंका इतिहास बनाया है”.
आयुर्वेदिक दवाओंपर छुट
तो क्या भविष्य में भी “धातुओं” का महत्व बना रहेगा? अब तो धातुओंआ चलन नही बनता!
बिटकोइन जैसे क्रिप्टोकरन्सीया (ई-चलन) दुनिया में भूचाल लेकर आ रही है. इनको बनानेमें, इनका लेनदेन करने में और जमा करने में इलेक्ट्रॉनिक्स का गहेरा महत्व है. कम्प्यूटर चिप्स, एल सी डी मोनिटर, मोबाइल, स्किन इंप्लांट,बोडी इंप्लांट, रोबोट, सेटेलाईट, सोलर सेल ये सब इलेक्ट्रॉनिक्स है. गौरतलब है के इन सभी इलेक्ट्रोनिकवस्तुओंमें जर्मेनियम, गेलियम, कॉपर और जिंक जैसे धातुओं की बड़ी मात्रा में जरूरत होगी. वक्त के साथ इनकी खदाने खाली हो रही है. रेअर एलिमेंट को शुद्ध करने में ढेर सारे खर्चे हो जाते है. तो दुनियाभर के वैज्ञानिक इन धातुओंको पाने का सस्ता तरीका ढूंड रहे है.
अब जाकर हम बात करेंगे धातुओंकेखेती की. आप सभी तो जानते ही है के फसले मिट्टी से केल्शियम, मैग्नेशियम, आयर्न, जिंक, कॉपर, मेंग्निज और सिलिकोन जैसे धातुओंको उठाती है. फसलों को इन धातुओंकी जरूरत होती है. वैज्ञानिकोंने यह पाया के अगर मिटटी में जर्मेनियम हो तो फसल इसे सिलिकोन समझ कर उठा लेती है.
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इस तरह मक्का, बाजरा, सूरजमुखी, सरसों ऐसी फसलों के माध्यम से धातुओंकी उपज ले सकते है! इन फसलों से शुद्ध धातु पाने के लिए फसल की कटाई कर इसे गोबर गैस जैसे डायजेस्टर में डाला जाता है. गैस अलग करने के बाद जो स्लरी बचती है, उसे सुखाकर जलाया जाता है. इसमें प्राप्त होनेवाले राख से धातु निकाले जाते है.
दुनियाभर में यह संशोधन बड़े तेजी से बढ़ रहा है. वो दिन दूर नहीं जब आप, रिसेट एग्री पर "धातुओंकी खेती" के बारेमे पूरी जानकारी पढ़ पाएँगे.
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