Collection: जिबरेलिन: एक फफूंद दुश्मन से विकास का चमत्कार

जिबरेलिन की कहानी जापानी चावल के खेतों में शुरू होती है, किसी प्रयोगशाला में नहीं। 1900 के दशक की शुरुआत में, किसानों ने "बाकाने" नामक एक अजीब बीमारी देखी, जिसके कारण चावल असामान्य रूप से लंबा हो गया, लेकिन कोई बीज नहीं बना। पादप वैज्ञानिकों ने गिबरेला फुजीकुरोई (अब फ्यूजेरियम फुजीकुरोई) नामक कवक को इसका दोषी पाया। पता चला कि कवक ने एक रसायन छोड़ा जो चावल की वृद्धि में बाधा डालता था। यह रसायन, जिसे बाद में जिबरेलिन नाम दिया गया, भविष्य की कृषि क्रांति की कुंजी था।

1950 के दशक में वैज्ञानिकों ने जिबरेलिन की असली क्षमता की खोज की। उन्होंने पाया कि यह न केवल अत्यधिक वृद्धि का कारण बन सकता है, बल्कि विभिन्न पौधों में बीज अंकुरण, तने की लंबाई और फूल को भी उत्तेजित कर सकता है। यह किसानों के लिए एक बड़ा बदलाव था।

किसान की टोकरी के लिए वरदान

जिबरेलिन फसल की पैदावार बढ़ाने और फलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है। जानिए कैसे:

  • लंबा होना हमेशा बुरा नहीं होता: जिबरेलिन अंगूर और गन्ने जैसी फसलों के लिए वरदान साबित हो सकता है, जहां लंबे तने अधिक उपज देते हैं।
  • बीज अंकुरण को बढ़ावा: जिबरेलिन का हल्का प्रयोग जिद्दी बीजों में अंकुरण को तीव्र कर सकता है, जिससे आपकी फसल के लिए मजबूत शुरुआत सुनिश्चित हो सकती है।
  • फल खजाना: जिबरेलिन कुछ किस्मों में फलों की वृद्धि को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे बड़े, मोटे फल बनते हैं। वे कुछ मामलों में बिना निषेचन के भी पार्थेनोकार्पी, यानी फल विकास को प्रेरित कर सकते हैं।
  • फूल शक्ति: जिबरेलिन का प्रयोग कुछ पौधों के लिए कामदेव की भूमिका निभा सकता है, जिससे वे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी फूलने लगते हैं।

समय का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है: जिबरेलिन का उपयोग कब करें

एक अद्भुत उपकरण होने के बावजूद, जिबरेलिन्स रणनीतिक रूप से उपयोग किए जाने पर सबसे अधिक प्रभावी होते हैं:

  • अपनी फसल को जानें: जिबरेलिन का अलग-अलग पौधों पर अलग-अलग प्रभाव होता है। उपयोग से पहले अपनी फसल की विशिष्ट प्रतिक्रिया पर शोध करें।
  • समय का बहुत महत्व है: गलत अवस्था में जिबरेलिन का प्रयोग करने से पौधे की वृद्धि बाधित हो सकती है। अपनी फसल के लिए इष्टतम प्रयोग समय के लिए कृषि विशेषज्ञों से परामर्श लें।

सुरक्षा सर्वप्रथम: जिबरेलिन के उपयोग हेतु सावधानियां

जिबरेलिन आमतौर पर सुरक्षित हैं, लेकिन उचित हैंडलिंग आवश्यक है:

  • निर्देशों का अनुसरण करें: हमेशा निर्माता द्वारा दी गई अनुशंसित अनुप्रयोग दरों और विधियों का पालन करें।
  • आप अपने आपको सुरक्षित करें: जिबरेलिन घोल को संभालते समय दस्ताने और सुरक्षात्मक गियर पहनें।
  • इसे सही तरीके से संग्रहित करें: जिबरेलिन उत्पादों को उनके मूल कंटेनर में रखें, उचित लेबल लगाएं तथा बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें।

जिबरेलिन के बारे में रोचक तथ्य

  • जिबरेलिन नाम जिबरेल्ला फुजिकुरोई नामक कवक से आया है, जो "बाकाने" रोग के लिए मूल रूप से जिम्मेदार है।
  • 130 से अधिक विभिन्न प्रकार के जिबरेलिन की पहचान की गई है, जिनमें से प्रत्येक का पौधों पर थोड़ा अलग प्रभाव होता है।
  • जिबरेलिन सिर्फ़ खेती के लिए ही नहीं हैं! इनका इस्तेमाल माल्टिंग को बेहतर बनाने और ज़्यादा पौष्टिक बियर बनाने के लिए भी किया जाता है।

जिबरेलिन की खोज, अनुप्रयोग और उचित उपयोग को समझकर, किसान उच्च पैदावार और बेहतर गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त करने के लिए इस पौध वृद्धि नियामक का लाभ उठा सकते हैं।

जिबरेलिक एसिड तकनीकी (90% w/w) प्रोगिब

  • अंगूर फल (साइट्रस परिवार) पूर्ण खिलने पर (फल लगने के लिए) - एकल छिड़काव 0.5-1.0 ग्राम प्रति लीटर
  • अंगूर फल (साइट्रस परिवार) मई का पहला सप्ताह (जून में फल गिरने के लिए) – एकल छिड़काव 0.5-1.0 ग्राम प्रति लीटर
  • अंगूर फल (साइट्रस परिवार) अक्टूबर का पहला सप्ताह (फसल से पहले छिड़काव के लिए) - एकल छिड़काव 0.5-1.0 ग्राम प्रति लीटर
  • मीठी चेरी जब 60% से अधिक कलियाँ पूरी तरह से खुल जाएं 0.04 से 0.08 ग्राम प्रति लीटर
  • अंगूर दो निर्देशित छिड़काव पहला पूर्ण फूल आने पर और दूसरा फल लगने के समय 0.1 ग्राम प्रति लीटर
  • अंगूर (बीज रहित) प्रथम पूर्ण फूल अवस्था पर तथा द्वितीय फूल अवस्था पर 0.015 से 0.06 ग्राम प्रति लीटर का दो बार छिड़काव करें।
  • बैंगन बीज उपचार (डुबकी) 0.01 ग्राम प्रति लीटर
  • बैंगन जब 4 सप्ताह का हो जाए - साप्ताहिक छिड़काव 0.05 ग्राम प्रति लीटर

जिबरेलिक एसिड 0.001% एल: सुमितोमो होशी , कात्यायनी जिबरेलिक एसिड 0.001% एल

  • धान कम अवधि वाली किस्में 20-25 डीएटी 5 मिली /15 लीटर
  • धान मध्यम अवधि वाली किस्में 30-35 डीएटी 5 मिली /15 लीटर
  • धान लंबी अवधि वाली किस्में 40-45 डीएटी 5 मिली /15 लीटर
  • गन्ना प्रथम छिड़काव 40-45 डीएपी 5 मिली /15 लीटर
  • गन्ना दूसरा स्प्रे 70-80 डीएपी 5 मिली /15 लीटर
  • कॉटन फर्स्ट स्प्रे 40-45 डीएपी 5 मिली /15 लीटर
  • कपास का दूसरा छिड़काव: गेंद बनने के समय 5 मिली /15 लीटर
  • मूंगफली फूल आने पर पहला छिड़काव (30-35 ए.एस.) 5 मिली /15 लीटर
  • मूंगफली फूल आने के समय दूसरा छिड़काव 5 मिली /15 लीटर
  • केला - पहला छिड़काव तीसरे महीने 9 मिली /15 लीटर
  • केले का दूसरा छिड़काव 5वें महीने 9 मिली/15 लीटर
  • केले पर फल बनते समय तीसरा छिड़काव 9 मिली/15 लीटर
  • टोमेटो फर्स्ट स्प्रे 45 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • टमाटर दूसरा स्प्रे 65 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • आलू फर्स्ट स्प्रे 45 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • आलू दूसरा स्प्रे 65 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • गोभी पहला स्प्रे 45 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • गोभी दूसरा स्प्रे 65 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • फूलगोभी पहला छिड़काव 45 डीएएस 5 मिली/15 लीटर
  • फूलगोभी दूसरा स्प्रे 65 DAS 5 मिली /15 लीटर
  • अंगूर पहला छिड़काव छंटाई के 30-35 दिन बाद 5 मिली /15 लीटर
  • अंगूर दूसरा मैच सिर चरण के दौरान 5 मिलीलीटर / 15 लीटर
  • बैंगन प्रथम स्प्रे 34 डीएपी 15 मिली /15 लीटर
  • बैंगन दूसरा स्प्रे 70 डीएपी 15 मिली /15 लीटर
  • बैंगन तीसरा स्प्रे 105 डीएपी 15 मिली /15 लीटर
  • भिंडी प्रथम छिड़काव 34 डीएपी 15 मिली/15 लीटर
  • भिंडी दूसरा छिड़काव 70 डीएपी 15 मिली/15 लीटर
  • भिंडी तीसरा छिड़काव 105 डीएपी 15 मिली/15 लीटर
  • चाय पांच का मासिक अंतराल पर छिड़काव 7.5 मिली/15 लीटर
  • शहतूत पहला छिड़काव: कटाई के 15-20 दिन बाद 15 मिली /15 लीटर

जिबरेलिक एसिड 0.1% जीआर

  • चावल रोपाई के 15-20 दिन बाद 6 किलोग्राम प्रति एकड़ छिडकाव करें

जिबरेलिक एसिड 0.186% एसपी

  • कपास में रेशे की गुणवत्ता सुधारने के लिए वर्गाकार गठन या प्रारंभिक पुष्पन अवस्था पर एक छिड़काव 2 ग्राम प्रति 15 लीटर

जिबरेलिक एसिड 40% WSG ( सुमितोमो प्रोगिब इजी )

  • अंगूर प्री ब्लूम- विस्तार 1.5 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • अंगूर का खिलना- फल लगने से पहले पतला करना 1.5 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • अंगूर प्री ब्लूम- 6-7 मिमी बेरी आकार-वृद्धि 1.5 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • चावल रोपाई के 20-25 दिन बाद 0.2 से 2 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • चावल में पुष्पगुच्छ निकलने पर 0.5 से 2 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • गेहूं बुवाई के 20-25 दिन बाद 1 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • गेहूं 10% बाली निकलने पर 1 ग्राम प्रति 15 लीटर
  • मक्का घुटने तक ऊँचा (25-30 DAS) 1.5 ग्राम प्रति 15 लीटर