
एन पि के के बाद चौथी महत्वपूर्ण खाद कोनसी है?
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किसान भाई एन पि के युक्त खादों को जितना महत्व देते है, उतना महत्व सल्फर को नही देते. अगर आपने खेतो में छह किलो नत्र (12.6 किलो यूरिया) दिया है तो आपको इसके साथ १ किलो सल्फर देना चाहीये. ऐसा करनेसे खाद का संतुलन बना रहेगा. सल्फर के आभाव में दिया गया नत्र – स्पुरद – पालाश का बड़ा हिस्सा बगैर अपटेक के बेकार जाता है.
सल्फर एक नैसर्गिक खाद है. खदानोंसे प्राप्त सल्फर को पहले मायक्रोनाइज किया जाता है व डीस्पर्सिंग तथा वोटिंग एजेंट मे मिलाया जाता है. डब्ल्यू डी जी सल्फर मे समाविष्ट सल्फर का दाना दो मायक्रोन इतना पतला होता है. इतना पतला होने से वो मिटटी में अच्छेसे फैलता है व् २४ घन्टोंमें सल्फेट मे परावर्तित होकर फसल को उपलब्ध होता है.
डब्ल्यू डी जी सल्फर इस्तेमाल में आसान है. इसको दानेदार खादों के साथ मिलाकर दिया जा सकता है. ड्रिप से देने के लिए दोसो लिटर पानी में एक किलो सल्फर का घोल बनाए व् स्थिर किये बिना, हिलाते-हिलाते ड्रिप में इंजेक्ट (व्हेंचुरीसे) करे.
इस्तेमाल के २४ से ४८ घंटो में सल्फर का रूपांतर सल्फेट में होता है. यह सल्फेट जडोसे प्रवेश कर मिथिओनिन व् सिस्टीन नामक प्रथीनाम्लोंमें समाविष्ट होता है, जो प्रोटीन व् एंजाइम के महत्वपूर्ण घटक है. इससे क्लोरोफिल की मात्रा बढती है, स्निघ्ध बढ़ता है, आत्म रक्षा प्रणाली कार्यान्वित रहती है.
डब्ल्यू डी जी सल्फर के फसल निहाय फायदे
- आईलसीड में स्निग्धता बढती है; तेल जादा निकलता है
- दलहनी फसलों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है
- आलू जैसे कंद में शर्करा की मात्रा बढती है
- गन्ने से चीनी की रिकवरी बढती है
- फल तथा सब्जिया जादा देर तक ताजा बनी रहती है
डब्ल्यू डी जी सल्फर देता है बड़ा फायदा. इसे खाद की पहली खुराक (पाच किलो प्रति एकड़) में जरुर दे. तथा नियमित रूप से १ किलो प्रति एकड़ माह में एक बार ड्रेंचिंग या ड्रिप से जरुर दे.
धान, गेहू, कपास, मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी, प्याज, मिर्च, लहसुन, गन्ना, केला व् सब्जियों में इसके इस्तेमाल से भारी मात्रा में फायदा देखा गया है.