
भिन्डी में एफिड (माहू/मावा) नियंत्रण करेंगे सस्तेमें, तो मुनाफा होगा ज्यादा!
Share
भिन्डी एक लोकप्रिय फलसब्जी और किसानों को मालामाल करनेवाली फसल भी. अनेक किसान इस फसल को व्यावसायिक स्तरपर करते है. इस ब्लॉग में भिन्डी में लगनेवाली एफिड और उसका सस्ता नियंत्रण कैसा करे इस विषय पर पूरी जानकारी देखेंगे.
अगर आप सफल किसान बनना चाहते हो तो आपको कीटनियंत्रण पर होनेवाले खर्चो पर नियंत्रण रखना ही होगा.
भिन्डी पर आनेवाली एफिड छोटे आकार की, पौधों का रस चूसने वाली एक जानीमानी किट है. यह किट कपास, तरबूज, ककड़ी, कद्दू, टमाटर, आलू, बेंगन जैसे फसलोंमेंभी अक्सर दिखाई देती है. इन सभी फसलोंपर बहोत सारे कीटनाशकोंका प्रयोग किया जाता है, इसीलिए आमतोर पर पाई जानेवाली एफिडपर पुरानी दवाओंका असर नही होता. नई दवाए अक्सर महँगी होती है इसीलिए हमे एफिड को नियंत्रित करने हेतु व्यवस्थापकिय कौशल का इस्तेमाल करना होगा.
ऐफिड जूँ या खटमल जैसी होती है. इसे हरी मक्खी, माहू, मावा या चीटियोंकी गाय भी कहा जाता है. यह समशीतोष्ण क्षेत्रों में फललों के सर्वाधिक विनाशकारी शत्रु हैं . इनकी अलैंगिक प्रजनन क्षमता के कारण इस किट की संख्या दिन दुनी रात चौगुनी तरीकेसे बढती है. कीटों का शरीर कोमल एवं अंडाकार, सिर छोटा, सूँड़ संधित, स्पर्शक सात खंडों का एवं चार पारदर्शक पंख होते हैं. ये मंदगतिशील होती हैं. लाखों की संख्या में उत्पन्न होकर ये पौधों को छेदकर और उनका रस चूसकर उन्हें बहुत ही क्षति पहुँचाती हैं. पौधों की वृद्धि तो कम हो ही जाती है, साथ ही फल इत्यादि भी ठीक नहीं लगते.
आर्थिक दृष्टि से ये हानिकर कीट हैं. इनके जीवन में कई विचित्र बातें मिलती हैं.
- जरूरत के वक्त पंख होते है अन्यथा नही होते
- कभी अंडे देती है तो कभी सीधे चुझे
- अंडे देने के लिए नर की आवश्यकता नही होती
- कभी कभी नर और मादा दोनों ही प्रकार के बच्चे उत्पन्न होते हैं
- भोजन का अभाव हो तो पंखयुक्त मादाएँ पैदा होती है जो उड़कर नया ठिकाना ढूंडती है
- यह शर्करा युक्त त्राव छोडती है जिसपर चीटिया तथा फफूंद बढने लगती है
- चीटिया इनके चुझोंको मधुरस के लिए पालती है
इसके नियंत्रणमें किसान का बहोतसारा खर्चा हो सकता है. अगर किट फसल में फ़ैल जाए तो उपज कम हो जाती है. इसीलिए सबसे पहेल ये देखना होगा की फसल में यह किट आने ही ना पाए.
बीज को IMIDACLOPRID 48% (HI-IMIDA FS), IMIDACLOPRID 70% WS (Gaucho, IMD-70) या THIAMETHOXAM 70% WS (ThiaGold super, Cruiser) की प्रक्रिया करे.
नत्र की मात्रा विभाजित करके दे. इससे किट को अत्रितिक्त नायट्रोजन नही मिलेगा तो प्रजनन कम रहेगा.
खेतोमे चिटीयोंका प्रबंधन करे. जो इसके वाहक का काम करती है.
शुरुवात में ही फसल में पीले चिपचिपे ट्रैप लगवाए जो उड़कर आने वाले माहू को प्रजनन नही करने देते.
तंबाकू तथा नीम के अर्क को शाम्पू में मिलाकर छिडकाव करते रहे. अगर AZADIRACHTIN 5% W/W MIN. युक्त एच पि एम् का निमोना उपलब्ध हो तो अच्छा ही होगा.
अगर फिरभी नियंत्रण ना हो तो निम्न दवाए बदल बदलकर इस्तेमाल करे.
ACETAMIPRID 20% SP, Foliar spray, Arystaprid - UPL, Manik - TataRallis, Sharp - IIL, Dhanpreet - Dhanuka, Rider - Biostadt, Wapkil 20 SP - Biostadt, BAADSHAH - HPM, Rapid - Crystal, Excel Acetacel & Passion - sumitomo, Harrier - Adama, Prime - National
DIMETHOATE 30% EC, Foliar spray, Rogorin-IIL, ROGOHIT-HPM, Tafgor-TataRallis
IMIDACLOPRID 17.8% SL, Foliar spray, M-con & Imidacel-sumitomo, Tatamida-TataRallis, Vector-IIL, Ultimo-Biostadt, Imidagold-UPL, Media-Dhanuka, JUMBO-PII, Confidence 555-Crystal, Conimida-National, Cohigan-Adama, Lizard-Toshi, HI- IMIDA-HPM, Confidor-Bayer
IMIDACLOPRID 70% WG, Foliar spray, Intice-Biostadt, Admire-Bayer, Vector plus-IIL, Ad-fyre-Dhanuka, GHAJINI-HPM, Looper-Crystal, Dzire & M-con WG-sumitomo, Cohigan WG-Adama, Creta-Toshi
MALATHION 50% EC, Foliar spray, Milthion-IIL, Malathion-National
THIAMETHOXAM 25% WG, Foliar spray, Evident-Biostadt, Maxima-PII, ACtara-Syngenta, Rockstar-Hindustan
TOLFENPYRAD 15% EC, Foliar spray, KEEFUN-PII
TRICHLORFON 5% DUST, Foliar spray
TRICHLORFON 50% EC, Foliar spray
आशा करते है के आपको यह जानकरी अच्छी लगी होगी. हमे मदत करने हेतु इस जानकारी को अपन मित्रोसे साँझा करे.
धन्यवाद!