Collection: मल्चिंग पेपर

फसल कोईभी हो, उसे अच्छी बढ़वार मिले, सारे पोषक तत्व मिले, उसपर किट-फफूंद-व्हायरस ना फैले, उसपर जलवायु परिवर्तन का असर कम से कम हो, इसलिए किसान हजारों कोशिशे करता है। इस हर कोशिश का फायदा उठाने का काम खरपतवार भी करती है। पोषण चुराती है, तेजी से बढ़ती है और जल्द ही बीज बनाकर और फैलने की तैयारी कर लेती है। फसल की एक जनरेशन बनने से पहले खरपतवार २-३ जनरेशन बढ़ाकर, चक्रवृद्धि कर खेतों पर कब्जा करती है। 

खरपतवार को बढ़ने से रोखा नहीं गया तो करीबन सभी फसलों के उपज मे ३०-३५ प्रतिशत नुकसान के अलावा, खरपतवार किट-रोगों को पनाह देकर फसल का औरभी गंभीर नुकसान करता है। 

इसीलिए किसान भाइयों को खरपतवारों के प्रति सजग रहेना चाहिए. जो भी वक्त खाली मिले, इनको अपने फसलों से नहीं, खेतों से बाहर निकालने के उद्दिष्ट से, काम करना चाहिए।  

फसल मे मिट्टी पर प्राकृतिक या प्लास्टिक पलवार (मल्चिंग) बिछाने के अनेक फायदे है. ६५ प्रतिशत पानी के बचत के अलावा, १०० फीसदी खरपतवार नियंत्रण होता है. चूसक कीटों की संख्या भी नियंत्रित रहती है.

मल्चिंग पेपर