रिसेट एग्री क्या है?

दुनियाभर के किसानों के तरह भारतीय किसान भी कृषि को अधिक फायदेमंद कर सकते है। जब हम लागत को कम रखते हुए उपज मे सुधार करेंगे, तो मुनाफा होने की गुंजाइश बढ़ जाएगी। रीसेट एग्री के माध्यम से यह दोनों लक्ष्य साधने की कोशिश हो रही है।

कृषि को १२००० वर्षो का इतिहास है. इतने वर्षो में लाखों-करोड़ो किसानों ने, जाने-अनजाने में, हजारों नयी नयी खोजे की. बिज, खाद, दवाए, यंत्र, स्त्रोत, व्यापार, पद्धतिया खोजी गयी. इस ज्ञान ने एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक कार्यानुभव के माध्यम से सफर किया। हर बार किसानोंने बेहतर विकल्प चुने। इन निरंतर तपस्वी प्रयासों से आज का इंसान आबाद है! अब विज्ञान, व्यापार और विज्ञापन युग में और भी नयी-नयी बाते खोजी जा रही है. बदलाव जारी है.

हरित क्रांति, धवल क्रांति, यंत्रक्रांति के साथ अब कृषि मे बायोटेक्नोलॉजी, नैनो टेक्नोलॉजी, प्रोटेकटेड एग्रीकल्चर, हायड्रोपोनिक्स, आर्टिफिशयल इंटेलीजन्स, रोबोटिक्स, ड्रोन, डेटासायन्स की कृषि मे शिरकत हो रही है। बदलावों की रफ़्तार तेज हो गयी है। डर है, भटक जाने का, दिशाहीन होने का।

कृषि का लक्ष्य सिर्फ लोगों की जरूरते पूरा करना नहीं है। कृषि हमेशा ही आवाम के कमाई का दरिया रही है। कृषि ने समाज को आर्थिक सुरक्षा दीयी है।

कृषि से किसानों को काम, लोगों को रोटी, व्यापारियों को मौका, साहूकारों को ब्याज, उद्योगों को कच्चा माल और सत्ताधारियों को लगान प्राप्त होता है.  

लेकिन यह चित्र भी बदल रहा है। आम किसान कृषि से दूर धकेला जा रहा है। कृषि को पूंजी वादी बनाया जा रहा है। छोटे गरीब किसान, तकनीकी तौर पर बिछडे किसान को कृषि से दूर किया जा रहा है। यह बदलाव गलत दिशा मे जा रहा है। हर घंटे किसान परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है. यह एक सामाजिक कलंक है . लेकिन हमारा समाज आदि हो चला है. कृषि को हमेशा हमेशा के लिए आवाम के कमाई का दरिया रखना होगा। हम कृषि मे तकनीकी बदलाव चाहे जीतने ला सकते है, सामाजिक आर्थिक सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते। गौर तलब है के आत्ममग्न "सत्ताधारी और पूंजीपती" अपनी बेधुंदी छोड़कर, इस और ध्यान नहीं देंगे। आम किसान ही आत्मनिर्भर होकर कृषि को निरंतर समाज अभिमुख रख सकता है।

हर किसान को कृषितंत्र  के साथ विज्ञान, व्यापार और विज्ञापनको समझ कर, उपयोग मे लाना होगा।

रिसेट एग्री एक ऐसा मंच है जहा किसान अपने विचार और अनुभव साँझा कर सकते है. रिसेट एग्री का मतलब पुराने तरीके वापस लाना नहीं है। रिसेट एग्री का मतलब है - कृषि की दिशा को कायम रखना। इसे आवाम के चरितार्थ का दरिया बनाए रखना। कृषक आत्महत्या का दाग मिटाना। फिर चाहे बदलावों का दौर कितना भी तेज क्यों ना हो!

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