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DHANUKA Motherland Agventure

सेंमप्रा - गन्ना, मका एवं लौकी का शाखनाशी

सेंमप्रा - गन्ना, मका एवं लौकी का शाखनाशी

सेंमप्रा (halosulfuron methyl 75% WG), मोथा (Cyperus rotundus) को नियंत्रित करने वाला भारत का पहला शाखनाशी है। इसे धनुका द्वारा बाजार मे उतारा गया। वह चयनशील, प्रणाली गत है और इसे खड़ी फसल मे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल गन्ना, मक्का एवं लौकी मे किया जा सकता है। 

मोथा (Cyperus rotundus)

सेंमप्रा पौधों के जल तथा अन्न वाहकों (Xylem & Phloem) मे प्रवेश करता है इसीलिए बड़े तेजी से फैलता है। सेंमप्रा वेलीन, ल्यूसिन और आइसोल्यूसिन नामक प्रथिनामलों का निर्माण रोखता  है जीसीसे प्रथिन (प्रोटीन) निर्माण रुक जाता है। खरपतवार के पत्ते पीले पड़ जाते है और १४ से ३० दिनों मे वह पूरी तरह सुखकर नष्ट हो जाते है। 

महाराष्ट्र के वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट जैसे देशभर के अनेक कृषि संस्थानोने सेंमप्रा का जमकर परीक्षण किया है। भारत के अलावा जपान, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सीको, ब्राझिल, कोलंबिया और दक्षिण आफ्रिका मे इसका इस्तेमाल हो रहा है।  

विशेषताए:

  • लागत कम होती है: बार बार होने वाले खर्चे कम होते है। 
  • सेंमप्रा का डोस ३६ ग्राम प्रति एकड़ है अन्य शाखनाशियों के मुकाबले बहोत ही कम है। 
  • सेंमप्रा मिट्टी मे बना रहेता है इसलिए लंबे अंतराल तक खरपतवार नहीं उगती। 
  • गन्ना और मक्के के फसल पर सेंमप्रा का कोई बुरा असर नहीं होता।  
  • सेंमप्रा के उत्पादक धनुका का ट्रैक रेकॉर्ड गरिमा पूर्ण रहा है। 

ऑफर्स: ऑन लाइन खरीदने पर आपको भारी छूट के अलावा कैश बैक, आसान मासिक किश्तों में भुगतान, बैंक और पार्टनर ऑफर्स मिल सकते है। 

*शर्ते लागू

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