
भारत में इलायची की खेती
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इलायची भारत में उगाई जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है, जो लाखों किसानों और उनके परिवारों को आजीविका प्रदान करती है। इसकी खेती 10 से अधिक राज्यों में की जाती है, जिनमें केरल, कर्नाटक और सिक्किम प्रमुख उत्पादक हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 100,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में इलायची की खेती की जाती है , जिसका वार्षिक उत्पादन 10,000 टन से अधिक है। इलायची का अधिकांश उत्पादन लघु धारक क्षेत्र में केंद्रित है, जिसमें 90% से अधिक किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है।
किसानों के लिए इलायची की खेती का महत्व
इलायची एक उच्च मूल्य वाली फसल है और इसकी खेती से किसानों को अच्छी खासी आय हो सकती है। 2022 में भारत में इलायची की औसत कीमत लगभग रु. 2,000 प्रति किलोग्राम. इसका मतलब यह है कि 1 हेक्टेयर इलायची के बागान वाला किसान रुपये से अधिक की वार्षिक आय अर्जित कर सकता है। 200, 000.
आर्थिक लाभ के अलावा इलायची की खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कुशल और अकुशल दोनों प्रकार के श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करता है, और यह प्रसंस्करण, पैकेजिंग और परिवहन जैसे अन्य उद्योगों का समर्थन करने में भी मदद करता है ।
इलायची किसानों के सामने चुनौतियाँ
इलायची की खेती चुनौतियों से रहित नहीं है। किसानों को कई जोखिमों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शामिल हैं:
- कीमत में उतार-चढ़ाव: इलायची की कीमत में साल-दर-साल काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है। इससे किसानों के लिए अपने वित्त की योजना बनाना और अपने खर्चों के लिए बजट बनाना मुश्किल हो सकता है।
- रोग और कीट: इलायची कई बीमारियों और कीटों के प्रति संवेदनशील होती है, जिससे उपज में काफी नुकसान हो सकता है।
- जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन का भी इलायची की खेती पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सूखा और बाढ़ जैसी चरम मौसम की घटनाएं आम होती जा रही हैं, और ये फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और पैदावार कम कर सकती हैं।
इलायची किसानों के लिए सरकारी सहायता
भारत सरकार इलायची किसानों को कई सहायता उपाय प्रदान करती है। इसमे शामिल है:
- इनपुट पर सब्सिडी: किसान उर्वरक, कीटनाशक और सिंचाई उपकरण जैसे इनपुट की खरीद पर सब्सिडी के पात्र हैं ।
- फसल बीमा: फसल की विफलता से होने वाले वित्तीय नुकसान से खुद को बचाने के लिए किसान फसल बीमा खरीद सकते हैं।
- विपणन समर्थन: सरकार राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) के माध्यम से इलायची किसानों को विपणन सहायता प्रदान करती है। NAFED किसानों से इलायची खरीदता है और उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचता है।
चुनौतियों के बावजूद, इलायची की खेती भारत के लाखों किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनी हुई है। सरकार के सहायता उपाय किसानों के लिए इलायची की खेती को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बनाने में मदद कर रहे हैं।