
क्रेकिंग की पनौती, किसानों की चुनौती! क्या है यह मामला? समस्या का हल क्या है?
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कृषि के विशेष लेख में आपका स्वागत है। भारतीय किसानों के लिए बेहतर, असहाय जीवन, यह हमारा नारा है। इसलिए इस लेख की रचना, कृषि की लागत को कम करके देखने की उम्मीद में है। हमारा यह प्रयास पसंद आएगा ऐसी आशा करता है। इस वेबसाइट के अवरोधक में जाकर आप हमारे अन्य ब्लॉग पढ़ सकते हैं!
एक और किसान की लागत बढ़ रही है और दूसरी और फसल में क्रेकिंग की समस्या खड़ी हो रही है।
अंगूर, संतरा, टमाटर, टरबूज, खरबूज, अनार, लीची, एपल, आम, अंजीर, ड्रैगन फ्रूट, काकरी जैसी मै क्रेकिंग की समस्या पागल हो गई है। तेजी से घनघोर और शाखाओं में भी दरारें दिखाई दे रही हैं। इस समस्थानिक हिस्से का 10-12 वर्ष का हिस्सा खराब हो रहा है, जैसा स्पष्ट हो रहा है!
क्रेकिंग कब होती है?
एम्ब्राइटिस स्टेट मे क्रेकिंग की समस्या सौ प्रतिशत तक होती है। लेकिन जब वज्रपात मे अचानक परिवर्तन होता है, तो समस्या बढ़ जाती है। जब अचानक ठंड या कमी बढ़ती है तब क्रैकिंग की समस्या चरम पर पहुंच जाती है, किसानों को नुकसान के खाये मे भ्रम देता है।
क्रेकिंग क्यों होती है?
मानदंड संतुलन बेहद जरूरी है। फसल के लिए मुख्य पोषक तत्व, गौण पोषक तत्व होते हैं, सूक्ष्म एवं पोषक तत्व की आवश्यकता एक विशिष्ट अनुपात में होती है। यह अनुपात के अलग-अलग हिस्सों को बदल सकता है। वृद्धि की अवस्था में भी इस अनुपात में परिवर्तन होता है। जब सूक्ष्म केशियम का एक विशिष्ट हिस्सा केल्शियम का अनुपात कम हो जाता है तब इसके कम होने के लक्षण दिखाई देते हैं।
जब ठंड या अचानक घटती है तब परिणाम का ट्रांसपेरेशन (पत्तियों से पानी की भाप जाम की प्रक्रिया) कम हो जाता है। जिससे जड़े पानी का वह तेजी से नहीं मिलता है। पानी का वहन कम होने से केलशियम का वह भी कम हो जाता है। इससे जहां भी मंडलों में तेजी से बंटवारा हो रहा है, आंशिक रूप से होने वाले केल्शियम की कमी, आंशिक ना रहेकर, बढ़ रहा है। परिणाम स्वरूप स्वरूपो की पोस्टकाए कमजोर टूटती है, जो हेमकिंग के माध्यम से नजर आती है!
कैल्शियम की कमी के अन्य लक्षण क्या हैं?
पुराने क्रेज के निशान नए क्रेश मे केल्शियम के कम होने के लक्षण दिखाई देते हैं। पत्तिया मुड़ना, नए पत्तों का एक हिस्सा जलना, सूत के और रस्ते के सिरे जलना, पत्तिया छोटे रहेना, जोखिमों की बढ़ोतरी का रुखना यह लाख और आम है।
इसके अलावा कुछ घटती निहाय समस्या दिखाई देती है।
- सेब में फल के सतह पर गड्ढा, छीटी पड़ना, फल कड़वा होना
- गोबी के केकड़े के अंत में जाना
- अदरक में गड़बड़ हो रही है
- केले की नीली छतरी का अटकना
- टमाटर और काली मिर्च के घने गोले में सड़ाना
क्रेकिंग कैसे रोक सकता है?
क्यों केलशियम के वहन में समस्या होने से क्रैकिंग होती है, केलशियम के वहन को बढ़ा देता है, इस संशय को रोखा जा सकता है। इस लिए हमें फसल के रूट के पास पानी मे तुरंत घुलने वाला केलशियम देना होगा। केल्शियम के दो घटक पूर्ण रूप से महत्वपूर्ण हैं। एक है सन्दर्भ का नाएट्रोजन और दूसरा है बोरान। यह दोनों घटक केलशियम को जड़ों से अंदर ले जाते हैं और कोशिकाओं तक पहुंच जाते हैं। इसीलिए जब हम भी अंदेशा हो के तापमान और सिकुड़न में तेज परिवर्तन होने वाला है, हम...
फसल के रूट में प्रति एकड़ 5 किलो केलशियम नायट्रेट और 1 किलो बोरान ट्वेंटी देना चाहिए।
इसके साथ ही आप विवरण के विवरण का रहस्य भी कर सकते हैं।
- केलशियम नायट्रेट का 0.5 प्रतिशत (5 ग्राम प्रति लीटर)
- बोरान ट्वेंटी 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर)
- यूरिया 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर)
ध्यान रहे, पैसे बचाए!
लागत कम रखने के लिए आप रेडीमेड केल्शियम नायट्रेट घोल और बोरान इथेनोल खनन से बच सकते हैं। यह मोटे होने के साथ साथ इस पोषक तत्वों का अनुपात भी कम है!
केल्शियम नायट्रेट ही क्यों? क्या रासायनिक पदार्थ केलशियम नायट्रेट का उपयोग कर सकता है?
केलशियम के विविध पदार्थ केलशियम नायट्रेट और केलशियम क्लेराइड यह दो पदार्थ ही पानी में घुलन शील होते हैं। रूट्स के पास देने का कोई व्यक्ति नहीं है, इसलिए केलशियम नायट्रेट दिया जाता है।
फर्टिलाइजर ग्रेड केलशियम नायट्रेट और केमिकल ग्रेड केलशियम नायट्रेट में अंतर होता है। फर्टिलायज़र ग्रेड केल्शियम नायट्रेट में अमोनियम नायट्रेट मिला होता है, जो केलशियम के वहन मे मदत करता है। इसलिए केमिकल वाले केलशियम नायट्रेट का इस्तेमाल करना हो तो उसमें थोडा यूरिया या अमोनिअम मिला। (अमोनियम नायट्रेट आम लोगो को नहीं मिलता)।
बोरान ट्वेंटी क्यों?
सफलता को बोराने देने के लिए हमारे पास बोरेक्स, बोरिक एसिड, बोरान ट्वेंटी और बोरान कनेक्शन के लिए यह चार पर्यात है। इससे बोरेक्स का पानी घुलता नहीं है। बोरिक एसिड, कम घुलता है, शिवाय उसका सामान्य एसिड है। बोरान हल करने के उपाय देने के लिए बनाया गया है, बहुत मँगा भी है। बोरान ट्वेंटी पानी मे तुरंत घुल जाता है, इसलिए यह एक मात्र और उम्दा परयाय है।
क्रेकिंग होगी ही नहीं!
ठंडक ही, क्रेकिंग की समस्या आने के पहले, आप बिना इंतेजार किए, खेद को, प्रति एकड़ के होश से केलशियम नायट्रेट 5 किलो के साथ, सीधे तौर पर प्रासंगिक बोरेट, याने बोरान 20 प्रतिशत, 1 किलो, 20 लीटर पानी में घिसा हुआ. , रूट्स मे दे! साथ में आप केलशियम नायट्रेट का 0.5 प्रतिशत (5 ग्राम प्रति लीटर), बोरान ट्वेंटी 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर) और यूरिया 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर) के घोल का माप भी कर सकते हैं।
क्रेकिंग होने पर, क्या ऐतियातन उपाय करना चाहिए?
अगर क्रेकिंग कि समस्या दिखाई दे रही है तो,पहेली दोस्ती को, प्रति एकड़ के होश से केलशियम नायट्रेट 5 किलो के साथ, डायरेकार्ड वाली किसी बोरेट, याने बोरान 20 प्रतिशत, 1 किलो, दो करोड़ पानी मे उदास रहने, रूट मे दे! साथ में आप केलशियम नायट्रेट का 0.5 प्रतिशत (5 ग्राम प्रति लीटर), बोरान ट्वेंटी 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर) और यूरिया 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर) के घोल का माप भी कर सकते हैं।
कि क्यो टूटने से जड़ और शाखाओ में पड़ी क्रेक से प्रवेश कर सकती है, ऐतियातन किसी अच्छे सिस्टिमिक कवकनाशक के उपाय भी करे! इसमें अदामा का कस्तोदिया , पि आय का विस्मा , अपेल का शायर इनमें शामिल है।