Soil testing kit
Aphid spread is phenomenal. Its control need strategic attention and complete prevention. Use of pesticides will never be a first choice.

तेजी से कनेक्शन माहू (एफआईडी), कैसे करें कंट्रोल?

एफआईडी के आकार छोटे-छोटे रस्सियों के समान एक विशाल मनोनीत किट है। यह किट कपिश, तरबूज, ककड़ी, कद्दू, टमाटर, आलू, बेंगन, लोबिया और भंडी जैसे अक्सर प्रकट होता है। इन सभी संबद्ध बहोत सारे रसायनों का प्रयोग किया जाता है, इसलिए आमतोर पर पाई जाने वाली एफिड पर पुरानी दवाओं का असर नहीं होता है। अगर आप सिरनफ किटनाशक दवाओं पर निर्भय रहना चाहते हैं तो आपको हमेशा नई-नई दवाओं का इस्तेमाल करना होगा। किटनाशक कंपनियां नई दवाए महेंगे दामों पर बेचती हैं। यदि आप केवल दवाओं के छिडकाव पर टिके रहते हैं तो किट नियंत्रण की आपकी लागत बहुत अधिक रहेगी । अगर लागत ज्यादा रहेगी तो कम होगा। इसलिए हमें एफआईडी को कंट्रोल करने के लिए निर्धारित एडमिनिस्ट्रेटरी कोश का उपयोग करना होगा, तभी आप सफल किसान बनेंगे।

एक्स दवा के इस्तेमाल के बाद 99 प्रतिशत किट मर जाती है, लेकिन जो एक प्रतिशत किट इस दवा से बच निकलती है वो प्रजोप्तदन करती है, इसमें 99 प्रतिशत किटर एक्स दवा का कोई असर नहीं होता है। अब आप किसी दवा का इस्तेमाल करना चाहेंगे।

ऐफिड जूँ या खटमल जैसी होती है। इसे ग्रीन ड्रेक, माहू, मावा या चीटियों की गाय भी कहा जाता है। यह समशीतोष्ण क्षेत्रों में फलों के सर्वाधिक विनाशकारी विनाश हैं। उनकी अलैंगिक जन्म क्षमता के कारण इस किट की संख्या दिन दुनी रात चौगुनी तरीके से बढ़ रही है।

झटके का शरीर कोमल एवं तारों, सिर छोटा, सूँड़ संधि, स्पर्शक सात दृश्य का एवं चार पार दर्शक पंख होते हैं। ये मंदिर परिसर होती हैं। लाखों की संख्या में ये समान रूप से व्यथित होते हैं और उनके रसूखदार उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। ढांचे की वृद्धि और निर्माण कम हो जाता है।

आर्थिक दृष्टि से ये हानिकर किट हैं। उनके जीवन में कई विचित्र बातें मिलती हैं।

  • ज़रुरत के पंख होते हैं अन्यथा नहीं होते
  • कभी अंडे देता है तो कभी सीधा चुझे
  • अंडे देने के लिए नर की आवश्यकता नहीं होती
  • कभी-कभी नर और माता दोनों ही प्रकार के बच्चे होते हैं
  • भोजन का अभाव हो तो पंखयुक्त महिलाएँ पैदा होती हैं जो उड़कर नई ठिकाना ढूंडती है
  • यह ग्लूकोज युक्त त्राव देता है जिस पर चीटिया और कवक आगे बढ़ता है
  • चीटिया चुझोंको मधुरस के लिए पालती है

इसके नियंत्रण में किसानों का बहोतसरा खर्चा हो सकता है। अगर किट में खराबी आ जाए तो उत्पादकता कम हो जाती है। इसलिए सबसे पहले ये देखने से होगा की नतीजा में यह किट आने ही ना मिलेगा।

बढ़ती फसल में कीड़ों की जनसंख्या गतिशीलता

नतीजा में एफआईडी ना मिले इसलिए आप क्या कर सकते हैं?

बीजोपचार :

बीज को IMIDACLOPRID 48% (HI-IMIDA FS), IMIDACLOPRID 70% WS (Gaucho, IMD-70) या THIAMETHOXAM 70% WS (थियागोल्ड सुपर, क्रूजर) की प्रक्रिया करे। बीजोपचार से निर्मित होने वाले दिखने में औषधि के घातक आधार बने रहेंगे, जो शुरुआती लोगों को मार दिखाएंगे। महू की संख्या घटेगी।

रोमांटिक संतुलन:

नत्र की मात्रा विभाजित करके दे। इससे किट को अत्रितिक नायट्रोजन नहीं होगा तो जन्म कम होगा।

वाहक नियंत्रण:

चिटिया महू के एंडो और चुझोंको को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखा गया है। फुसलाती है। खेत चिटीयों का प्रबंधन करें। इसके लिए गेमएज़ीनिन या बोरिक एसिड मिश्रित शक्कर का प्रयोग करें।

फ्लाईवाले राज्य का नियंत्रण:

इसीवात में ही गिरावट में पीला चिपचिपे जाल लगवाए जो उड़कर आने वाले माहू को जन्म नहीं देते।

घरेलू चिड़काव:

टोबैको और सुखी नीमफली को पानी में 4-5 दिनों तक दबाब रखते हैं। विश्लेषकों में इसकी सोच सोच, छान ले। इस अर्क को शाम्पू में 50 मिले प्रति लिटर के होश से मिलाकर ताजा ताजा छिदकाव करते रहें। अगर आज़ादीराचिन 5% W/W MIN. युक्त सी.बी. आय के छापने वाला एच पि एम् का निमोना हो तो अच्छा ही उपलब्ध होगा। बाजार में मिलने वाले निम् तेल मिलाते हैं, इनका इस्तेमाल ना करें।

यदि फिर भी नियंत्रण ना हो तो किसी एक औषधि का परिवर्तनशील उपयोग करें।

एसिटामिप्रिड 20% एसपी, फोलियर स्प्रे, एरिस्टाप्रिड - यूपीएल, मानिक - टाटा रैलिस, शार्प - आईआईएल, धनप्रीत - धानुका, राइडर - बायोस्टैड, वैपकिल 20 एसपी - बायोस्टैड, बादशाह - एचपीएम, रैपिड - क्रिस्टल, एक्सेल एसिटासेल और पैशन - सुमितोमो, हैरियर - अदामा, प्रधान - राष्ट्रीय

डाईमेथोएट 30% ईसी , फोलियर स्प्रे, रोगोरिन-आईआईएल, रोगोहित-एचपीएम, टैफगोर-टाटा रैलिस

इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल, फोलियर स्प्रे, एम-कॉन और इमिडासेल-सुमितोमो, टाटामिडा-टाटा रैलिस, वेक्टर-आईआईएल, अल्टिमो-बायोस्टैड, इमिडागोल्ड-यूपीएल, मीडिया-धानुका, जंबो-पीआईआई, कॉन्फिडेंस 555-क्रिस्टल, कोनिमिडा-नेशनल, कोहिगन -अदामा, छिपकली-तोशी, HI- IMIDA-HPM, विश्वासपात्र-बायर

imidacloprid

इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्लूजी , फोलियर स्प्रे, इंटिस-बायोस्टैड, एडमायर-बायर, वेक्टर प्लस-आईआईएल, एड-फायर-धनुका, गजिनी-एचपीएम, लूपर-क्रिस्टल, डिजायर और एम-कॉन डब्ल्यूजी-सुमितोमो, कोहिगन डब्ल्यूजी-अदामा, क्रेटा -तोशी

मैलाथियान 50% ईसी, फोलियर स्प्रे, मिल्थियॉन-आईआईएल, मैलाथियान-नेशनल

थियामेथोक्सम 25% WG , फोलियर स्प्रे, एविडेंट-बायोस्टैड, मैक्सिमा-पीआईआई, एसीटारा-सिनजेंटा, रॉकस्टार-हिंदुस्तान

टोल्फेनपाइराड 15% ईसी , फोलियर स्प्रे, कीफन-पीआईआई

ट्राइक्लोरफ़ोन 5% धूल, पत्तियों पर छिड़काव

ट्राइक्लोरफ़ोन 50% ईसी, पर्णीय स्प्रे

आशा करते हैं के आपको यह जानकर अच्छी लगी होगी।

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धन्यवाद!

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