
आपकी 3 बड़ी गलतियां, जो बढ़ा रही हैं फसलों में रोग और कीट
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क्या आप भी हर साल अपनी फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए महँगी दवाइयाँ इस्तेमाल करते हैं, फिर भी उनका प्रकोप कम नहीं होता? क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हो रहा है? दरअसल, हम किसान अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर रहे हैं, जो इन समस्याओं को और भी बढ़ा रही हैं। अगर हम इन गलतियों को सुधार लें, तो हमारी फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले इन कीटों और बीमारियों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
यहाँ उन तीन सबसे बड़ी गलतियों के बारे में बताया गया है, जिनसे बचकर आप अपनी खेती को ज़्यादा फायदेमंद बना सकते हैं।
1. एक ही फसल को बार-बार उगाना
फसल चक्र (क्रॉप रोटेशन) को नज़रअंदाज़ करना सबसे बड़ी गलती है। जब आप खेत में हर साल एक ही फसल उगाते हैं, तो उस फसल में लगने वाले कीट और बीमारियों के अंडे, प्यूपा और जीवाणु मिट्टी में ही पनपने लगते हैं। जैसे ही आप अगली बार वही फसल लगाते हैं, ये फिर से सक्रिय होकर आपकी फसल को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देते हैं।
सोचिए: अगर आप धान और गेहूं का फसल चक्र लगातार अपना रहे हैं, तो धान के कीट और रोग मिट्टी में मौजूद रहेंगे और अगली बार धान लगाते ही फिर से हमला कर देंगे। यही हाल गेहूं का भी होगा। अगर आप इसकी जगह फसल बदल दें—जैसे धान के बाद सरसों या मक्का उगाएँ—तो इन कीटों को उनका मनपसंद भोजन नहीं मिलेगा और उनका जीवन चक्र टूट जाएगा।
2. अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग
जब आप बिना सोचे-समझे ज़्यादा मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं, तो आप सिर्फ हानिकारक कीटों को ही नहीं मारते, बल्कि उन मित्र कीटों को भी खत्म कर देते हैं, जो प्राकृतिक रूप से हानिकारक कीटों को खाकर उनकी संख्या को नियंत्रित करते हैं।
जब खेत में मित्र कीट नहीं रहेंगे, तो हानिकारक कीटों की संख्या बेकाबू होकर कई गुना बढ़ जाएगी, और फिर उन्हें नियंत्रित करना लगभग असंभव हो जाएगा। इसलिए, हमेशा उतनी ही मात्रा में दवाई का इस्तेमाल करें, जितनी की सलाह दी गई हो।
3. फसलों को सही पोषण न देना
एक स्वस्थ शरीर की तरह, एक स्वस्थ फसल भी बीमारियों से बेहतर ढंग से लड़ पाती है। लेकिन अगर आप फसल को सही और संतुलित पोषण नहीं देंगे, तो वह कमज़ोर हो जाएगी और आसानी से रोगों का शिकार बन जाएगी।
इसकी सबसे बड़ी वजह है नाइट्रोजन (यूरिया) का ज़्यादा इस्तेमाल और पोटेशियम की कमी।
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अधिक यूरिया: ज़रूरत से ज़्यादा यूरिया डालने से फसल हरी और कोमल तो दिखती है, लेकिन वह कीटों के लिए ज़्यादा आकर्षक बन जाती है।
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पोटेशियम की कमी: पोटेशियम पौधों में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है। जब आप पोटेशियम नहीं देते, तो पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
इसलिए, सिर्फ यूरिया पर निर्भर न रहें। नाइट्रोजन, पोटेशियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रो न्यूट्रिएंट्स) का संतुलित इस्तेमाल करें ताकि आपकी फसल अंदर से मज़बूत रहे।
अब जब आप इन गलतियों के बारे में जान गए हैं, तो इन्हें सुधारने का समय आ गया है। अपनी खेती को सफल बनाने के लिए इन तीन सुझावों पर काम करें: फसल चक्र बदलें, दवाइयों का संतुलित प्रयोग करें, और अपनी मिट्टी व फसलों को सही पोषण दें।