फसलों का चुनाव करते हुए फसल पोर्टफोलीओ बनाए!

फसल चुनना बड़ा ज़रूरी फैसला होता है, और हर किसान अपना फसल चुनने का तरीका बदलता रहता है. बिना सिंचाई वाले किसानों के पास कम विकल्प होते हैं। अगर आपके पास अच्छी सिंचाई व्यवस्था है तो फसल चुनना मुश्किल हो जाता है. अक्सर लोग इलाके के हिसाब से, या सलाहकारों की बात मानकर फसल चुनते हैं. कुछ बाज़ार देखते हैं, तो कुछ उम्मीद के भरोसे ढेर सारा पैसा लगा देते हैं. समझने वाली बात यह है के हर किसान को अपनी आर्थिक, मानसिक और मार्केट की क्षमता देखकर साहस करना चाहिए। 

आर्थिक निकष का विचार किया जाए तो एक आसान गणित को समझे। अगर आप कम अवधि मे अधिक आय के लीए खर्चीले फसल को चुनते है तो आपको कितना प्रतिशत मुनाफा होगा? अगर आप इसी अवधि मे कम आय के लिए कम से कम लागत वाली फसल चुनते है तो आपको कितना प्रतिशत मुनाफा होगा?

जैसे टमाटर के लिए 1 लाख प्रति एकड़ खर्चा करने के बाद आपको 1 लाख का मुनाफा हो रहा है तो यह 100 प्रतिशत मुनाफा होगा। इसके बजाए आप 10 हजार प्रति एकड़ खर्चा करके तिलहनी या दलहनी फसल लगते है और आपको 12 हजार मुनाफा हुआ तो यह 120 प्रतिशत मुनाफा होगा! इसका मतलब है के तीलहनी या दलहनी फसल आपको टमाटर से अधिक प्रतिशत मुनाफा देगी। आप जानते हो, वक्त आने पर टमाटर को जो नुकसान हो सकता है, तिलहनी और दलहनी फसलों मे कभीभी नहीं होगा!

सोचिए अगर आप मानसिंह है। आपके पास 15 बीघा खुदकी जमीन है और 15 बीघा आप किराए से ले रहे हो। आपको पानी की कोई समस्या नहीं है। मेट्रोसिटी वाला मार्केट 150 किलो मित्र दूर है और 30 किलो मीटर के आस पास तीन दिशाओं मे तीन जिले है। अब आप कोन कोनसी फसले लेंगे?

पहले हालात समझें:

  • ज़मीन: अपनी 15 बीघा और किराए की ज़मीन का जायज़ा लें. मिट्टी कैसी है, पानी का निकास कैसा है, ढलान कैसी है - ये सब सोचें, क्योंकि अलग-अलग फसलों के लिए अलग ज़रूरतें होती हैं.
  • सिंचाई: ये आपका बड़ा फायदा है. इससे ज़्यादा फसलें चुन सकते हैं.
  • बाज़ार: 150 किलोमीटर दूर का शहर और 30 किलोमीटर दूर के तीन जिले, इन सभी बाज़ारों को समझें. किस फसल की कितनी डिमांड है, दाम क्या मिलते हैं, ढोने का खर्च कितना है - ये सब पता करें.
  • अपनी ताकतें: सोचें कि आप किन फसलों में माहिर हैं, आपके पास कितने मजदूर हैं, गोदाम की सुविधा है या नहीं.

फिर प्राथमिकता दें:

  • मुनाफा: ऐसी फसलें चुनें जिनकी डिमांड ज़्यादा हो और जिनमें अच्छा मुनाफा हो सकता है, लेकिन खर्च भी संभालने लायक हों.
  • अलग-अलग बाज़ार: एक ही फसल पर निर्भर न रहें. अलग-अलग बाज़ारों के लिए अलग-अलग फसलें चुनें, ताकि ज़्यादा बिक्री हो सके.
  • फसल चक्र: ज़मीन की सेहत और कीटों से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं. ऐसी फसलें चुनें जो एक-दूसरे के पोषक तत्वों को पूरा करती हों और बीमारियों से बचाती हों.
  • खतरा कम करना: कुछ ऐसी फसलें भी शामिल करें जिनकी डिमांड हमेशा रहती है, ताकि ज़्यादा जोखिम न उठाना पड़े.
  • अपनी पसंद और हुनर: सोचें कि आपको किन फसलों को उगाने में ज़्यादा मज़ा आता है और आप किनमें माहिर हैं.

मानसिंह के लिए नमूना फसल मिश्रण:

शहर के लिए (5-7 बीघा):

  • सब्ज़ियां: बेबी कॉर्न, शतावरी, शिमला मिर्च (मौसम और डिमांड के हिसाब से).
  • फल: बेरीज़, खरबूज़, आम (जो आपके जलवायु में अच्छे से उगते हों).

जिलों के बाज़ार के लिए (5-7 बीघा):

  • अनाज: मक्का, ज्वार (रोज़मर्रा की ज़रूरतें, डिमांड हमेशा रहती है).
  • दालें: मसूर, चना (प्रोटीन का अच्छा स्रोत, ज़मीन की सेहत के लिए भी अच्छे).
  • तिलहन: मूंगफली, सूरजमुखी (बाज़ार के हिसाब से).

बाकी ज़मीन (3-6 बीघा):

  • चारा: पशुओं के लिए या बेचने के लिए.
  • नए प्रयोग: बाज़ार की जानकारी या दिलचस्पी के हिसाब से नए फसलों को आजमाएं.

याद रखें: ये सिर्फ एक नमूना है. मानसिंह को बाज़ार के आंकड़ों, मिट्टी की जांच, और अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर इसे बेहतर बनाना चाहिए। कृषि विस्तार अधिकारियों, अनुभवी किसानों और स्थानीय बाजार विशेषज्ञों के साथ परामर्श करने से बहुमूल्य जानकारी मिल सकती है।

अतिरिक्त सुझाव:

  • फसल बीमा: फसल खराब होने के जोखिम से बचने के लिए फसल बीमा करवाएं.
  • जैविक खेती: रसायनों के इस्तेमाल से बचें और ज़मीन की सेहत बनाए रखने के लिए जैविक खेती अपनाएं.
  • पानी का संचयन: बारिश के पानी को इकट्ठा करने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने के तरीके अपनाएं.

आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल:

  • कृषि ऐप्स: फसल चयन, बाज़ार के भाव, मौसम की जानकारी आदि के लिए कृषि ऐप्स का इस्तेमाल करें.
  • ड्रोन तकनीक: खेतों की निगरानी, खाद और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • मिट्टी परीक्षण: मिट्टी की जांच करवाएं ताकि पता चल सके कि किन पोषक तत्वों की कमी है और उसी हिसाब से खाद दें.

अंत में:

फसल चुनना एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन अच्छी जानकारी, मेहनत और लगन से आप एक फायदेमंद और टिकाऊ फसल मिश्रण बना सकते हैं. कृषि विभाग, अनुभवी किसानों और आधुनिक तकनीक की मदद से वे अपने खेतों से अधिकतम लाभ कमा सकते हैं.

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