खाद: यार की दुश्मन? किसान भाई के लिए सीधी-साधी बात!

भाईसाहब, मानो ना मानो, हम सब कभी न कभी खाद की दुकान पे खड़े होके यही सोचते हैं - आखिर कौनसी बोरी में जादू है जो फसल को सोने जैसा कर दे? ऊपर से ये सुनने को मिलता है कि खाद से जमीन बिगड़ती है, पानी गंदा होता है. सच कहूं तो दिमाग घूम जाता है! पर घबराओ मत, आज हम खाद के बारे में सारी उलझनें सुलझाएंगे, उसे दुश्मन नहीं, यार बनाएंगे.

पहले ये समझें कि खाद क्या है: वो जमीन के लिए खाना-पानी की तरह है, जिसमें वो पोषण होता है जो पौधों को फलने-फूलने के लिए चाहिए. ठीक जैसे हम सिर्फ रोटी खाकर कोस न नहीं मार सकते, वैसे ही पौधे भी बिना जरूरी पोषण के, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, अपना बेस्ट नहीं दे सकते. ये पोषण अलग-अलग रूपों में आते हैं, प्राकृतिक (खाद) या बनाए हुए (खाद की थैलियां).

अब सोचो, क्या हम खाद के बिना जिंदगी सोच भी सकते हैं? बिल्कुल नहीं! सोचो, जो फल-सब्जी खाते हैं, दूध पीते हैं, वो सूती के कपड़े पहनते हैं, इन सबका आधार मजबूत, पोषक मिट्टी है, और खाद उस मिट्टी को मजबूत बनाती है. इसी के दम पर हम ज्यादा अनाज उगा पाते हैं, खासकर ऐसे देश में जहां हर दिन लोगों की संख्या बढ़ रही है.

लेकिन भाईसाहब, जिस तरह दाल में ज्यादा घी डालने से स्वाद बढ़ता है, लेकिन ज्यादा डालने से नुकसान भी होता है, वैसे ही खाद के साथ भी है. असली बात है इसे समझने, इस्तेमाल करने और सही मात्रा में लगाने की. कैसे? देखो:

  • अपनी मिट्टी को जानो: हम बिना जांचे इलाज नहीं कराते, तो बिना जांचे खाद भी मत डालो. मिट्टी की जांच करवाओ, पता चलेगा उसे किन पोषकों की जरूरत है.
  • सही खाद चुनो: प्राकृतिक खाद जमीन की सेहत के लिए लाजवाब है, जबकि रासायनिक खाद फसल को जल्दी बड़ा करती है. अपने हिसाब से दोनों का सही इस्तेमाल करो.
  • मात्रा का ध्यान रखो: किसी भी चीज की अति बुरी होती है, खाद भी कोई अपवाद नहीं. ज्यादा खाद डालने से जमीन खराब होती है, पानी भी दूषित होता है.
  • फसल बदलते रहो: अलग-अलग फसल लगाने से जमीन के पोषक संतुलित रहते हैं, खाद की जरूरत कम पड़ती है.

याद रखना, भाईसाहब, खाद खुद में बुरी नहीं है, उसका गलत इस्तेमाल बुरा है. हम किसान, सरकार, वैज्ञानिक, सब मिलकर खाद को समझें, सही से इस्तेमाल करें, तो हम भरपूर फसल और स्वस्थ जमीन, दोनों पा सकते हैं. तो अगली बार खाद की दुकान पे सोच-समझकर, समझदारी से खाद चुनो, सही मात्रा में डालो, और देखो अपनी फसल - और हमारा देश - कैसे खिलखिलाता है!

कुछ और बातें:

  • किसान समूहों में शामिल हो या सरकारी कृषि कार्यक्रमों में जाकर सीखो.
  • इको-फ्रेंडली खाद जैसे बायो-फर्टिलाइजर्स के बारे में पता करो.
  • खाद के गलत इस्तेमाल की शिकायत अधिकारियों से करो.

आओ मिलकर खाद को यार बनाएं, दुश्मन नहीं, क्योंकि खुशहाल और संपन्न देश के लिए स्वस्थ जमीन ही तो आधार है!

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