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ADAMA

अदामा तलियाह (थियामेथोक्सम 30% एफएस) बीज उपचार

अदामा तलियाह (थियामेथोक्सम 30% एफएस) बीज उपचार

थियामेथोक्सम 30% एफएस एक शानदार कीटनाशक है जो बीज उपचार के लिए बना है। यह फसल को शुरुआत से ही बीमारियों और कीटों से बचाता है। यह कीटों के दिमाग पर असर करता है, जिससे वे फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते।

थियामेथोक्सम 30% एफएस के इस्तेमाल से आपकी फसल की शुरुआत अच्छी होगी और वो तेजी से बढ़ेगी।

फसल के अच्छे विकास के लिए खास फायदे

कई तरह के कीटों पर काबू: यह पत्तों और मिट्टी से होने वाले कीटों को जल्दी और लंबे समय तक कंट्रोल करता है।

पौधे के अंदरूनी सुरक्षा: बीज पर लगाने के बाद यह तेजी से पौधे में फैल जाता है और उसे कीटों से अंदर से बचाता है।

पौधे में जान डाले: कीटों को मारने के अलावा, यह पौधे को मजबूत बनाता है और उसे स्वस्थ रखता है।

मौसम की मार झेलने की शक्ति: यह पौधे को गर्मी, सूखा या बीमारी जैसे मुश्किल हालातों से लड़ने में मदद करता है, जिससे फसल कम खराब होती है।

कई फसलों में काम आए: इसे खेती, अंगूर और बागवानी की कई फसलों में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बीज उपचार क्यों जरूरी है: अच्छी शुरुआत, अच्छी पैदावार

बीज उपचार सिर्फ एक काम नहीं है, बल्कि यह अच्छी और ज्यादा फसल पाने का एक तरीका है। थियामेथोक्सम 30% एफएस जैसे कीटनाशकों को सीधे बीज पर लगाने से बहुत फायदे मिलते हैं:

शुरुआत में ही सुरक्षा: जब पौधा छोटा होता है, तब कीटों का हमला सबसे ज्यादा होता है। बीज उपचार से इस नाजुक समय में पौधे को तुरंत और पूरी सुरक्षा मिलती है।

सही जगह पर इस्तेमाल, कम नुकसान: इस तरीके से दवाई सीधे बीज या उसके आसपास पहुंचती है, जिससे आसपास के माहौल में दवाई कम फैलती है।

कीटों को बढ़ने से रोके: शुरुआत में ही कीटों को कंट्रोल करने से पूरे फसल मौसम में कीटों का हमला कम होता है, जिससे बाद में दवाई छिड़कने की जरूरत कम पड़ती है।

एक जैसी फसल: बीज को कीटों से बचाने से सभी बीज एक साथ और अच्छे से उगते हैं, जिससे फसल एक जैसी और मजबूत होती है।

पैसे की बचत: भले ही शुरुआत में थोड़ा खर्च हो, लेकिन अच्छी पैदावार, कम कीटों का नुकसान और कम बार दवाई के छिड़काव से किसान को अच्छा फायदा होता है।

पौधे को अंदर से मजबूत करे: थियामेथोक्सम 30% एफएस पौधे को शुरू से ही मजबूत और स्वस्थ बनाता है, जिससे उसकी सहनशक्ति बढ़ती है।

बीज उपचार के लिए इस्तेमाल का तरीका

बीज उपचार के तौर पर थियामेथोक्सम 30% एफएस की आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली मात्रा:

कपास: 8-10 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (जैसिड, एफिड्स, सफेद मक्खी के लिए)

सोयाबीन: 6-10 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (तना मक्खी, अंकुर मक्खी, एफिड्स, सफेद मक्खी के लिए)

मक्का: 6-8 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (तना मक्खी, अंकुर मक्खी के लिए)

गेहूं: 3-4 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (दीमक के लिए)

चावल (धान): 3-3.3 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (थ्रिप्स, जीएलएच, व्होरल मैगॉट के लिए)

मिर्च: 7 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (थ्रिप्स के लिए)

भिंडी: 5-6 मिली प्रति किलोग्राम बीज (जैसिड्स के लिए)

सूरजमुखी: 10 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज (जैसिड्स, थ्रिप्स के लिए)

मूंगफली: 12-15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (सफेद लट और दीमक के लिए -

ध्यान दें: यह प्रति हेक्टेयर की मात्रा है, जो आमतौर पर मिट्टी में डालने के लिए है, सीधे बीज उपचार के लिए नहीं। कृपया सही इस्तेमाल के लिए उत्पाद का लेबल देखें।)

बीज उपचार का तरीका:

मिलाना: थियामेथोक्सम 30% एफएस की बताई गई मात्रा को कम से कम पानी (आमतौर पर प्रति किलोग्राम बीज 10-20 मिलीलीटर पानी) के साथ अच्छी तरह मिलाएं ताकि एक जैसा घोल बन जाए।

लपेटना: बने हुए घोल को बीजों पर डालें और किसी बर्तन (जैसे प्लास्टिक ड्रम या मजबूत बोरी) को धीरे-धीरे घुमाएं या हिलाएं जब तक कि सभी बीज पर एक बराबर परत न चढ़ जाए। इसमें आमतौर पर एक मिनट से भी कम समय लगता है।

सुखाना: बुवाई से पहले उपचारित बीजों को छाया में पूरी तरह सूखने दें ताकि वे ठीक से काम करें और सुरक्षित रहें।

मुख्य फसलें जिनमें यह काम आता है

यह शक्तिशाली बीज उपचार कई महत्वपूर्ण फसलों के लिए बहुत असरदार है, जैसे:

कपास, ज्वार, गेहूं, सोयाबीन, मिर्च, भिंडी, मक्का, सूरजमुखी

अच्छे नतीजों और सुरक्षित इस्तेमाल के लिए, हमेशा अपने इलाके के कृषि नियमों और उत्पाद के लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।

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