Skip to product information
1 of 7

NPCS

खाद्य एवं कृषि आधारित उद्योग (प्रोजेक्ट प्रोफाइल) हिंदी भाषा में, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योग (https://www.amazon.in/npcs)

खाद्य एवं कृषि आधारित उद्योग (प्रोजेक्ट प्रोफाइल) हिंदी भाषा में, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योग (https://www.amazon.in/npcs)

लेखकः अजय कुमार. गुप्ता

ब्रांड: एनपीसीएस

बाइंडिंग: पेपरबैक

पेजों की संख्या: 472

रिलीज़ दिनांक: 01-12-2019

विवरण: खाद्य सहकारी उद्योग का मतलब खाद्य उद्योग की दुकान उसे नए रूप में पेश करने के व्यवसाय से है। भारत में लोगों की तेजी से मजबूत लाइफ स्टाइल ने खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद की मांग में निरंतरता बनाए रखी है। ऐसे में इस क्षेत्र में कम से कम निवेश और एक नई जगह के माध्यम से बेहतर मनोवैज्ञानिक सहायता बनाई जा सकती है, जिसके लिए खाद्य उद्योग उद्योग मंत्रालय कई सारी योजनाएं चला रहा है। इसके अंतर्गत नई इकाई स्थापना, स्थिर इकाई का आधुनिकीकरण, तकनीकी सहायता आदि के लिए सहायता मिल रही है। भारत के खाद्य उद्योग उद्योग क्षेत्र में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के उत्पाद और उपभोक्ताओं की सामथ्र्य की संभावनाएँ हैं। खाद्य बाजार लगभग 10.1 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें खाद्य उद्योग का हिस्सा 53% यानी 5.3 लाख करोड़ रुपये है। नौकरी के लिए सुबह-शाम की भागदौड़, रसायन और पेय पदार्थों की अन्य आपाधापी से भारी अंतर के बीच किसे फुर्सत है कि खानाली तस्स से रोज़ बनाया और खाया जाए। इसके सॉल्यूशन इंस्टेंट एंड मार्केटिंग या रेडी टू ईट पैक्ड फूड को देश-विदेश में देखा जा सकता है। पहले परिवर्तन की ऐसी आदतें केवल पश्चिमी देशों तक ही सीमित थीं, आज भारत में भी पूर्वी देशों में बड़े पैमाने पर यह वोग आम हो रहा है। इसी तरह के बदलावों का नतीजा यह है कि वैश्विक स्तर पर एमकॉम फूड इंडस्ट्री का कारोबार लगातार तेजी से बढ़ रहा है। भारत में खाद्य साजो-सामान कंपनियों के लिए प्रचुर संभावनाएं हैं। खाद्य निगम उद्योग के विभिन्न मॉडलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण यह है कि भारत के लोगों की जनसंख्या आय में वृद्धि हो रही है, जिससे गुणवत्तापूर्ण गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों पर खर्च करने की स्थिति में हैं।

ईएएन: 9789381039946

पैकेज आयाम: 8.3 x 5.5 x 0.6 इंच

भाषाएँ: हिन्दी

View full details